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साढ़े 4 साल में मंदिर प्रशासन नहीं हटा पाया जवालामुखी मंदिर की जमीन पर लोगों के अवैध कब्जे

ज्वालामुखी मंदिर की कुल कितनी भूमि है इसका अंदाजा शायद मंदिर प्रशासन को भी नहीं है। हैरानी इस बात की है कि मंदिर अधिकारी के पद पर तहसीलदार रैंक का अधिकारी होने के बावजूद आज दिन तक मंदिर की भूमि का पुख्ता रिकार्ड मंदिर न्यास के पास उपलब्ध नहीं है

By Richa RanaEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 12:42 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 12:42 PM (IST)
साढ़े 4 साल में मंदिर प्रशासन नहीं हटा पाया जवालामुखी मंदिर की जमीन पर लोगों के अवैध कब्जे
ज्वालामुखी मंदिर की कुल कितनी भूमि है इसका अंदाजा शायद मंदिर प्रशासन को भी नहीं है।

ज्वालामुखी, संवाद सहयोगी। श्री ज्वालामुखी मंदिर की कुल कितनी भूमि है इसका अंदाजा शायद मंदिर प्रशासन को भी नहीं है। यही कारण है कि जहां-जहां मंदिर न्यास ज्वालामुखी की भूमि है। वहां पर लोगों ने अवैध कब्जे बना लिए हैं। हैरानी इस बात की है कि मंदिर अधिकारी के पद पर तहसीलदार रैंक का अधिकारी होने के बावजूद आज दिन तक मंदिर की भूमि का पुख्ता रिकार्ड मंदिर न्यास के पास उपलब्ध नहीं है कि मंदिर की अपनी भूमि और मंदिर के अधीन अन्य मंदिरों की कितनी भूमि मौजूद है और कितनी भूमि पर लोगों ने अवैध कब्जे कर रखे हैं हैरानी इस बात की है कि मंदिर न्यास ज्वालामुखी के अधीन प्राचीन एवं ऐतिहासिक टेढ़ा मंदिर की जमीन जिला ऊना के पास भी बताई जाती है। जिस पर मंदिर न्यास का मालिकाना हक है परंतु शायद ही वहां पर कभी मंदिर के अधिकारी या कर्मचारी जमीन को देखने गए हो।

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ज्वालामुखी और आसपास के क्षेत्रों में मंदिर की जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जे कर रखे हैं। स्थानीय विधायक एवं राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला पिछले साढे 4 सालों से मंदिर के अधिकारियों को यह निर्देश देते चले आ रहे हैं कि मंदिर की भूमि का एक रिकार्ड बनाया जाए, जिसमें दर्ज किया जाए कि मंदिर की कुल कितनी भूमि है और मंदिर के अधीन प्राचीन टेढ़ा मंदिर ,भैरव मंदिर ,तारादेवी मंदिर, अष्टभुजा मंदिर व अन्य मंदिरों की कितनी कितनी भूमि मौजूद है और उस भूमि पर कितने लोगों ने अवैध कब्जे कर रखे हैं। इस सब का रिकार्ड मंदिर के पास मौजूद होना चाहिए परंतु 4 साल के लंबे अंतराल तक आज दिन तक मंदिर की भूमि की किसी ने चिंता नहीं व्यक्त की है।

विधायक रमेश धवाला ने बताया कि उन्होंने जब से भाजपा की सरकार बनी है तब से लेकर आज तक वे कहते चले आ रहे हैं कि मंदिर की भूमि का रिकार्ड बनाया जाए और जहां जहां पर भूमि पर अवैध कब्जे है उन्हें हटाने की प्रक्रिया अमल में लाई जाए। परंतु हैरानी इस बात की है कि तहसीलदार रैंक का अधिकारी मंदिर अधिकारी के रूप में मौजूद है। फिर भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है जिससे लोगों के हौसले बुलंद हैं। वही मंदिर अधिकारी विचित्र सिंह ठाकुर का कहना है कि उनको मिली जानकारी के मुताबिक मंदिर के पास जमीन का रिकार्ड मौजूद है। जहां तक अवैध कब्जे की बात है उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। अभी हाल ही में उन्होंने कार्यभार संभाला है यदि कोई शिकायत आएगी तो उसके बारे में कार्रवाई की जा सकती है।


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