पशुपालन विभाग के फार्म हाउस में एक साथ बीमार पड़ीं 44 गाय, इस गंभीर बीमारी ने जकड़े मवेशी
Cows sick in palampur farm पशु पालन विभाग के फार्म हाउस में पशुओं को गंभीर बीमारी ब्रूसैलोसिस ने जकड़ लिया है।
पालमपुर, शारदा आनंद गौतम। पशुपालन विभाग के पालमपुर स्थित फार्म हाउस में रखी गायों को गंभीर बीमारी ब्रूसेलोसिस ने जकड़ लिया है। फार्म के करीब 44 गाय इस बीमारी से पीड़ित हैं। हालांकि विभाग दावा कर रहा है कि स्थिति नियंत्रण में है, मगर एक के बाद एक जिस प्रकार से गायें इसकी जकड़ में आई हैं उससे फार्म हाउस प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। विभाग के इस फार्म हाउस में करीब डेढ़ सौ गाय हैं। यहां से रोजाना डेढ़ सौ लीटर दूध निकटवर्ती क्षेत्र के लोग और विभागीय कर्मचारी लेकर जाते हैं। इस फार्म हाउस में चार विशेषज्ञ चिकित्सक सेवाएं दे रहे हैं।
बावजूद इसके इतनी अधिक गाय ब्रूसेलोसिस जैसी बीमारी की चपेट में आ चुकी हैं। विभाग से जुड़े जानकार बताते हैं कि इस बीमारी से पीड़ित पशु के दूध का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है। पशु में जैसे ही इस बीमारी के लक्षण पाए जाते हैं उसे अन्यों से अलग करना पड़ता है। यह एक पशु से दूसरे को संक्रमित करती है। पालमपुर के समीप पशुपालन विभाग के इस फार्म हाउस में छोटी-बड़ी 150 गाय हैं। इनका दूध विभाग पालमपुर और निकटवर्ती क्षेत्रों के लोगों को बेचता है। रोजाना शाम के समय लोग खुद भी दूध लेने के लिए फार्म हाउस आते हैं।
फार्म हाउस में 44 गाय ब्रूसेलोसिस बीमारी से पीड़ित हैं। हालांकि स्थिति नियंत्रण में है। यहां पर जितने भी उपभोक्ता दूध लेने आते हैं उन्हें एडवायजरी जारी की गई है कि दूध को उबाल कर पीएं। -डॉ. सुशील संदल, फार्म इंचार्ज, पशुपालन विभाग, पालमपुर।
क्या है ब्रूसेलोसिस
गर्भावस्था के दौरान अंतिम तिमाही में पशु का गर्भपात हो जाए तो उसके इस बीमारी की चपेट में आने की अधिक संभावना बन जाती है। इस बीमारी से ग्रसित पशु के दूध में ब्रूसेलोअबोटिस जीवाणु होते हैं जो उसकी प्रजनन क्षमता पर प्रभाव डालते हैं। यह जेनेटिक बीमारी है, जो एक से दूसरे को फैलती है। ऐसे पशु के दूध का प्रयोग अगर आदमी करता है तो वह भी इस बीमारी की चपेट में आ जाता है। व्यक्ति में इससे बुखार आना शुरू हो जाता है। उसके घुटनों में तेज दर्द और अंडकोष में परेशानी होती है। इससे नपुंसकता भी हो सकती है। ऐसी अवस्था में बीमारी से पीड़ित पशु का मीट और दूध का उपयोग न करने की सलाह दी जाती है।