धीमी बारिश फसल के लिए वरदान
जागरण संवाददाता, पालमपुर : दो माह के बाद दो दिन से लगातार हो रही बारिश व बर्फबारी जमीन के साथ-साथ
जागरण संवाददाता, पालमपुर : दो माह के बाद दो दिन से लगातार हो रही बारिश व बर्फबारी जमीन के साथ-साथ फसलों के लिए भी वरदान है, क्योंकि धीमी बारिश के कारण जमीन में नमी लंबे समय तक मौजूद रहती है।
कृषि विशेषज्ञों की मानें तो लगभग 70 दिन के बाद हो रही बारिश गेहूं की उस फसल के लिए लाभदायक है, जो पानी की कमी के कारण थोड़ा ही उपज पाई थी। अब इसमें अधिक मात्रा में फसल उपजेगी। यही नहीं जमीन में नमी बरकरार रहने के कारण फसल को जो नुकसान सूखे के कारण हुआ है, उसकी भी भरपाई हो सकती है। जिन क्षेत्रों में किसानों ने अभी तक गेहूं की बिजाई नहीं की थी, वहां पर बिजाई के लिए यह समय बेहतर है। अगर आगामी तीन-चार दिन तक धीमी बारिश का क्रम यूं ही रहता है तो गेहूं की पैदावार को संजीवनी मिलेगी।
इसी तरह जहां सब्जियां उगाई गई हैं, बारिश के कारण मौसम ठंडा होने से उन्हें भी किसी प्रकार का कीड़ा लगने की संभावनाएं काफी हद तक कम हो जाती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक अगर पालमपुर क्षेत्र की बात करें तो यहां पर दो दिन में 59.6 मिलीलीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है। इसमें 11 दिसंबर को 1.2 मिलीलीटर और 12 दिसंबर को 58.4 मिलीलीटर बारिश दर्ज की गई। इस दौरान पिछती फसल उगाने के लिए यह बेहतर समय है। साथ ही प्याज व आलू की खेती के लिए भी यह उपयोगी है। जहां पर गेहूं की फसल को लगाए 30 से 35 दिन हो गए हैं, वहां पर खरपतवार को किसान हटा सकते हैं। जबकि जिला के 20 प्रतिशत क्षेत्र में जहां बिजाई होनी शेष है, वहां पर बिजाई के लिए उपयुक्त समय है।
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दो दिन से लगातार हो रही बारिश अगेती और पिछेती फसलों और सब्जियों के लिए संजीवनी का काम करेगी। इस बारिश से फसलों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिलेगा साथ ही सब्जियों के लिए भी यह उपयोगी है।
अरुण ब्यास, जिला कृषि अधिकारी।