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वीरान बज्रेश्वरी घाट, बनेर में नहा रहे श्रद्धालु

जागरण संवाददाता, कांगड़ा : मां बज्रेश्वरी के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लाख

By Edited By: Published: Fri, 29 May 2015 12:54 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2015 12:54 AM (IST)
वीरान बज्रेश्वरी घाट, बनेर में नहा रहे श्रद्धालु

जागरण संवाददाता, कांगड़ा : मां बज्रेश्वरी के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लाखों

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की लागत से बनेर खड्ड के किनारे बना मां बज्रेश्वरी घाट अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया है। इस घाट में न तो अब सुविधाएं है ओर न ही घाट में बने कुंड में पानी की कोई व्यवस्था। केवल पुरानी टूटी हुई सड़क के किनारे ढांचा ही शेष रह गया है। जबकि श्रद्धालु मजबूरी वश कांगड़ा बाईपास के किनारे बनेर खड्ड के बीचोबीच नहाने को मजबूर है। इससे कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है। बज्रेश्वरी घाट में महिलाओं के लिए भी अलग से नहाने की व्यवस्था थी, लेकिन मंदिर से काफी दूर होने तथा अब वहां की सड़क बंद होने से यह घाट विरान हो चुका है। बनेर खड्ड के जल को श्रद्धालु बाण गंगा का जल मानते है। ऐसे में यहां स्नान करने का अपना एक महत्व भी है।

इसी महत्व को देखते हुए नवंबर 2002 में तत्कालीन कृषि मंत्री चौधरी विद्या सागर ने बज्रेश्वरी मंदिर घाट का निर्माण करवाया था। यहां श्रद्धालु पेड़ों की ओट के बीच में आराम भी करते थे और स्नान भी कर पाते थे।

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भटक रहे है श्रद्धालु

कांगड़ा में पार्किंग के अभाव तथा टांडा-गुप्त गंगा मार्ग में एक पुली के कार्य के कारण श्रद्धालुओं को खासी परेशानी हो रही है। कांगड़ा बाईपास की ओर से आने वाली श्रद्धालुओं की बसें व अन्य बड़े वाहन भी टांडा मार्ग की ओर से गुप्त गंगा मार्ग में प्रवेश कर रहे है, लेकिन बीच में एक पुली का कार्य चले होने के कारण बसों को बीच रास्ते में रोकना पड़ रहा है।

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कांगड़ा बाईपास में बने घाट

यहां आने वाले श्रद्धालु कांगड़ा बाईपास में बनेर खड्ड के किनारे नहाने के लिए एक घाट चाहते है। कुछ दिन पहले मंदिर ट्रस्ट की बैठक में भी मसला उठा था।

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मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ी है। मंदिर प्रशासन पूरी सुविधाएं श्रद्धालुओं को दे रहा है। पेयजल व सफाई व्यवस्था का खास ध्यान रखा जा रहा है। - पवन बढ़यिाल, मंदिर अधिकारी।

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श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देने का प्रयास है। इस लिए बज्रेश्वरी सदन का निर्माण करने जा रहे है। घाट की मरम्मत करवाई जाएगी। बाईपास के किनारे भी ऐसा नया घाट बनाने पर भी विचार किया जा सकता है।

- पवन काजल, विधायक, कांगड़ा।


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