यहां सैलानियों का स्वागत कर रहे गड्ढे
नीरज दुसेजा, धर्मशाला
गर्मियों के शुरू होते ही बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों की तादात में बढ़ोतरी होना शुरू हो गई है, लेकिन लोक निर्माण विभाग अभी तक निद्रा में है।
गगल-धर्मशाला मार्ग की दशा कुछ ऐसा ही बयान कर कर रही है। इस मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे हादसों को न्यौता दे रहे हैं, वहीं सड़क किनारे लगे रेत व बजरी के ढेर सैलानियों के स्वागत कर रहे हैं। सड़क के बीचों-बीच रेत व बजरी बिखरे होने से दोपहिया वाहनों के फिसलने का भी खतरा बना हुआ है।
कुदरत ने धर्मशाला में दिल खोल कर रंग भरे हैं, बर्फ से लदी धौलाधार की चोटियां पर्यटकों को आकर्षित करती है, लेकिन गगल से धर्मशाला आते ही उनकी गाड़ियां हिचकोले खाने लगती है। जिसके कारण पर्यटकों का ध्यान खूबसूरत वादियों से हटकर गड्ढों की ओर चला जाता है। इस मार्ग की मौजूदा हालत बहुत दयनीय है, जिससे पर्यटकों के साथ-साथ नौकरी पेशे वाले लोगों को भी आने-जाने में परेशानी होती है। हिमाचल प्रदेश विशेषकर धर्मशाला व मेक्लोड़गंज क्षेत्र में टूरिजम को बढ़ावा देने के लिए राजनेताओं की ओर से भी मंच पर बड़े-बड़े वादे किए जाते रहे हैं, मगर धरातल की हकीकत कुछ ओर ही बयां कर रही है। इस 12 किलोमीटर के सफर को तह करने में वाहनों को दुगना समय लग जाता है, जिससे समय की बर्बादी के साथ-साथ पेट्रोल भी ज्यादा लगता है।
नालियों का कार्य चल रहा है
गगल से धर्मशाला-मैक्लोड़गंज सड़क पर 9 करोड़ 36 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। नालियों का मरम्मत कार्य भी शुरू किया गया है, जिससे सड़क पर रेत व बजरी के ढेर लगे हैं। सड़क का मरम्मत कार्य शीघ्र ही शुरू कर दिया जाएगा।
-विजय चौधरी, अधिशाषी अभियंता, लोक निर्माण विभाग