कांगड़ा में 108 एंबुलेंस के पहिए फिर थमे, लोग हो रहे परेशान
कभी अस्पतालों में विटामिन ए नहीं तो कभी एंबुलेंस सेवा बंद, हिमाचल में स्वास्थ्य सेवाएं लगातार चरमरा रही है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
जेएनएन, पालमपुर। जिला कांगड़ा में एक बार फिर इमरजेंसी सुविधा 108-102 एंबुलेंस के पहिए थम गए हैं। इस बार वजह कर्मचारी नहीं बल्कि कंपनी द्वारा डीजल भरवाने के लिए दिए जाने वाली राशि ही कंपनी की ओर से जमा न करवाना है। बता दें कि जिले में चल रही 108-102 की यह एंबुलेंस देहरा के पंप से डीजल भरवाती हैं। सूत्रों के मुताबिक संबंधित पेट्रोल पंप की देनदारी भी 20 लाख के करीब होने के बाद पेट्रोल पंप मालिक ने डीजल भरने से मना कर दिया।
नतीजा यह हुआ कि जहां-जहां गाड़ियों का डीजल खत्म हुआ वह वहां ही खड़ी हो गई हैं। अकेले मेडिकल कॉलेज टांडा में ही आठ से 10 एंबुलेंस गाड़ियां खड़ी हैं। बैजनाथ अस्पताल की एंबुलेंस भी टांडा में ही है और साथ ही चढ़ियार क्षेत्र की एंबुलेंस भी जिसे पालमपुर से चलाया जा रहा है, टांडा में मौजूद हैं। जिन 108 एंबुलेंस में डीजल है, वह तो चल रही हैं लेकिन उनके पहिए भी कब थम जाएंगे, इसके बारे में कोई कुछ नहीं कह पा रहा है। इसका सीधा खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
जिला में चलती हैं कुल 48 गाड़ियां
जिला कांगड़ा में 108 की 25 और 102 की 22 एंबुलेंस चलती हैं। इनमें से देहरा पैट्रोल पंप पर डीजल भरवाने के लिए पंप पर रोजाना आठ से दस गाड़ियां पहुंचती थीं। हैरानी की बात तो यह है कि कांगड़ा, पालमपुर, बैजनाथ, शाहपुर आदि क्षेत्रों में चल रही एंबुलेंस को भी देहरा जाना पड़ता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि डीजल की कितनी बचत होती होगी।
102 की आधी गाड़ियां सर्विस पर
हालात यह हैं कि 102 एंबुलेंस की कुछ गाड़ियां तो डीजल न होने के कारण खड़ी हैं और कुछ गाड़ियां सर्विस पर भेज दी गई हैं। नतीजा यह कि जच्चा-बच्चा को मिलने वाली यह सुविधा भी बुधवार को दम तोड़ती ही दिखी हैं। इस कारण कई तिमारदारों को निजी वाहन कर अपनी जेबों से पैसे खर्च कर अपने मरीजों को अस्पताल पहुंचाना पड़ा।
मामला मेरे ध्यान में नहीं है। जानकारी हासिल कर इस तरह की दिक्कत दोबारा न हो इसके लिए तुरंत आदेश संबंधित कंपनी को दिए जाएंगे। इमरजेंसी सुविधा लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। -विपिन सिंह परमार, स्वास्थ्य मंत्री।