बड़सर अस्पताल में पटरी से उतरी स्वास्थ्य सेवाएं
जिला हमीरपुर के बड़सर अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं राम?भरोसे चल रही हैं। कहने को अस्पताल को रेफरल यूनिट का दर्जा है लेकिन सुविधाएं यहां प्राथमिक स्तर की ही मिल रही हैं।
संवाद सहयोगी, बड़सर : जिला हमीरपुर के बड़सर अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं रामभरोसे चल रही हैं। कहने को अस्पताल को रेफरल यूनिट का दर्जा है लेकिन सुविधाएं यहां प्राथमिक स्तर की ही मिल रही हैं। उपमंडल के लोगों को अगर रेफरल यूनिट स्तर की सुविधाएं नहीं मिल पाएं तो ऐसे रेफरल यूनिट के दर्जे का क्या फायदा। बड़सर अस्पताल में समस्याओं का अंबार होने से रोगी परेशान हैं। अस्पताल में मरीजों को न तो सुविधाएं मिल रही हैं और न ही विशेषज्ञ चिकित्सक। ऐसे में लोगों को मजबूरन महंगे दामों पर निजी अस्पतालों व क्लीनिकों का रूख करना पड़ रहा है।
अस्पताल में सबसे बड़ी समस्या अल्ट्रासाउंड की है। रेडियोलॉजिस्ट न होने से लोगों को अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मिल पा रही है। हालांकि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की मशीन तो है लेकिन इसको ऑपरेट करने के लिए रेडियोलॉजिस्ट नहीं है। महीने में एक बार हमीरपुर अस्पताल से रेडियोलॉजिस्ट की ड्यूटी लगती है। कई बार रेडियोलॉजिस्ट के न आने से लोगों को बैरंग लौटना पड़ता है। चिकित्सकों द्वारा मरीजों को भूखे पेट अल्ट्रासाउंड करवाए जाने की हिदायत दी जाती है। पूरा दिन भूखे पेट रहने के बावजूद जब रेडियोलॉजिस्ट नहीं पहुंचता है तो लोगों को निराश होकर लौटना पड़ता है।
यही नहीं अस्पताल में स्त्री रोग व शिशू विशेषज्ञ के पद रिक्त हैं। हालत यह है कि बड़सर में मरीजों की तादाद लगातार बढ़ रही है लेकिन चिकित्सकों की संख्या लगातार कम हो रही है। उपमंडल की लगभग 48 पंचायतों के लोग इसी अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ के लिए यहां आते हैं लेकिन सुविधाएं न मिलने से मरीजों को या तो निजी क्लीनिकों व अस्पतालों का रूख करना पड़ता है या फिर क्षेत्रीय अस्पताल हमीरपुर जाना पड़ रहा है। खासकर स्त्री रोग विशेषज्ञ न होने से महिलाओं को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
उधर, बीएमओ बड़सर हेतराम कालिया का कहना है कि अस्पताल में रिक्त चल रहे रेडियोलॉजिस्ट व अन्य चिकित्सकों की कमी सहित अन्य दिक्कतों का शीघ्र समाधान कर दिया जाएगा।