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प्रशिक्षण केंद्रों में पहुंचेगा 1087 औंस रेशम कीट

हमीरपुर और ऊना जिला के दस रेशम कीट पालन (सेरीकल्चर) एवं प्रशिक्ष

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 05:23 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 05:23 PM (IST)
प्रशिक्षण केंद्रों में पहुंचेगा 1087 औंस रेशम कीट
प्रशिक्षण केंद्रों में पहुंचेगा 1087 औंस रेशम कीट

संवाद सहयोगी, जाहू : हमीरपुर और ऊना जिला के दस रेशम कीट पालन (सेरीकल्चर) एवं प्रशिक्षण केंद्रों में मार्च के पहले सप्ताह करीब 1087 औंस रेशम कीट बीज पहुंचेगा। इसे कुछ दिन तक इन केंद्रों में रखकर किसानों को रेशम कीट पालन का प्रशिक्षिण देकर वितरित किया जाएगा, जिससे किसान अपने क्षेत्र में सेरीकल्चर को बढ़ावा दे सकें।

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हमीरपुर जिला में सेरीकल्चर को बढ़ावा देने के लिए सात केंद्र उद्योग विभाग द्वारा खोले गए हैं। सबसे अधिक रेशम कीट नादौन में 160 औंस व जंगलबैरी में 160 औंस होता है। भलवानी में 157 औंस, बोहणी में 105 औंस, बल्ह-बिहाल में 140 औंस, सलासी में 80 औंस, कांगू में 120 औंस सहित कुल 922 औंस रेशम कीट पालकों को वितरित किया जाएगा। इसी तरह ऊना जिला के टकराला में 75 औंस, खड्ड में 70 औंस, हटली में 20 औंस सहित 165 औंस रेषम बीज वितरित किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक रेशम कीट पालन एवं प्रशिक्षण केंद्र स्तर पर किसानों के कलस्टर गठित कर लिए गए हैं। किसान अपने स्तर पर रेशम कीट पालन को बढ़ावा देकर 25 से 30 हजार रुपये की राशि कमा सकते हैं। इसके लिए किसानों को रेशम कीट पालन के लिए प्रशिक्षण देकर परिपक्व बना जा रहा है।

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कहां से आता है रेशम कीट बीज

सेरीकल्लर को बढ़ावा देने के लिए भारत के तीन केंद्रों उत्तराखंड के देहरादून, कर्नाटक के मैसूर व हिमाचल के पालमपुर से रेशम कीट बीज किसानों को मुहैया करवाया जाता है। कर्नाटक में भारत का 50 फीसद रेशम तैयार किया जाता है। चीन का विश्व में रेशम उत्पाद का प्रथम और भारत का दूसरा स्थान है।

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हमीरपुर व ऊना जिलों के दस केंद्रों में मार्च माह के प्रथम सप्ताह में करीब 1087 औंस रेशम कीट बीज पहुंचेगा। उसके बाद किसानों को पालन के लिए वितरित किया जाएगा।

-मदन लाल शर्मा, वरिष्ठ प्रभारी रेशम कीट पालन केंद्र हमीरपुर व टकारला


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