भाईचारे की परंपरा निभा रहे कड़ोहता व पंतेहड़ावासी
आधुनिकता के दौर में भी हमीरपुर और बिलासपुर जिला के दो गांवों मे
दीनानाथ शास्त्री , जाहू
आधुनिकता के दौर में भी हमीरपुर और बिलासपुर जिला के दो गांवों में आपसी भाईचारे की परंपरा आज भी कायम है। हमीरपुर जिला के भोरंज उपमंडल के कड़ोहता गांव के ग्रामीण हर वर्ष गुग्गा नवमीं के तीसरे दिन बिलासपुर जिला के घुमारवीं उप मंडल के पंतेहड़ा गांव जाते हैं। दोनों गांव के लोगों का यह मिलन किसी शादी समारोह से कम नहीं होता। दो सौ साल से परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी जारी है। सड़क सुविधा के अभाव से लोग पहले पैदल आजे-जाते थे। मंगलवार को कड़ोहता गांव के 40 लोग छोटी गाड़ियों में पंतेहड़ा गांव में पहुंचे। यहां ग्रामीणों ने उनका हार पहना कर व वाद्ययंत्रों से भव्य स्वागत किया। जलेबी, पकौडे के साथ चायपान करवाया गया। स्थानीय गुग्गा मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद पंतेहड़ा स्कूल परिसर में हुए दंगल में भाग लेकर खुशी से मेले का भरपूर आनंद लिया।
बुधवार को गुग्गा नवमीं के चौथे दिन कडोहता में पंतेहड़ा के ग्रामीण पंहुचे। उनका भी शादी समारोह की तरह हार पहनाकर ग्रामीणों ने स्वागत किया। उसके उपरांत गुग्गा व पीर मंदिर में पूजा अर्चना की गई तथा धाम परोसी गई। इस खुशी में विशाल दंगल भी हुआ।
कड़ोहता पंचायत के पूर्व उप प्रधान विरेंद्र डोगरा, सुरेंद्र डोगरा, अभिलाष, विकास डोगरा, लक्ष्मी चंद, करतार चंद ठाकुर व ग्रमाीण विचित्र सिंह, ओम प्रकाश ठाकुर, कर्म चंद, सुनील, कड़ोहता पंचायत के उप प्रधान हरमिद्र सिंह, अमर नाथ, प्यार चंद, तरनतारन, रतन चंद, रणजीत सिंह ने बताया कि इससे आपसी भाईचारा और प्रेम की भावना पैदा होती है। बुजुर्गों द्वारा शुरू की गई इस परंपरा का आज जारी रखे हुए है।