बिस्तर के सहारे पार करने पड़ रहे नाले
सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र की पंचायत करोट के एक गांव में आज भी अगर कोई बीमार हो जाता है तो उसे पालकी में उठाकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जाता है आजादी के इतने वर्ष बीत जाने के बावजूद यह गांव सड़क सुविधा को तरस रहा है। गौर रहे कि करोट पंचायत के सरगुन हीरा गांव में सड़क सुविधा नहीं है। गांव में जाने वाला कच्चा रास्ता एकमात्र स्त्रोत है
सुरजीत ¨सह, सुजानपुर
सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र की करोट पंचायत के सरगुनहीरा गांव में आज भी अगर कोई बीमार हो जाता है तो उसे बिस्तर या पालकी में उठाकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जाता है। आजादी के इतने वर्ष बीत जाने के बावजूद यह गांव सड़क सुविधा के लिए तरस रहा है।
सरगुनहीरा गांव में आज तक सड़क सुविधा नहीं है। गांव के लिए जाने वाला कच्चा रास्ता एकमात्र स्त्रोत है। रास्ते में पड़ने वाला नाला जिसके ऊपर एक पुली बनाई गई थी, हाल ही में तेज बारिश में बह गई। इसके चलते अब स्थिति और गंभीर हो गई है। गांव की एक बुजुर्ग महिला, जिसका डेढ़ माह पहले पैर फ्रैक्चर हो गया था और उसे डॉक्टरों ने 40 दिन के बाद चेकअप के लिए बुलाया था, को जब परिजन दिखाने के लिए जिला अस्पताल में ले जाने लगे तो उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से महिला को बिस्तर पर करीब डेढ़ किलोमीटर का रास्ता कंधे पर उठाकर तय किया और फिर उसे संपर्क मार्ग जहां पर वाहन योग्य रास्ता था वहां तक पहुंचाया। उसके बाद उस महिला को जिला अस्पताल में ले जाया गया। ग्रामीणों ने कहा कि पंचायत में इस गांव को स्वतंत्रता सेनानी गांव भी कहा जाता है, लेकिन प्रदेश की सत्तासीन सरकारों ने स्वतंत्रता सेनानी संबंधित इस गांव को दरकिनार किया है। उन्होंने मांग की कि पंचायत के इस गांव को सड़क सुविधा से जोड़ा जाए जो पुली पानी में बह गई है उसका निर्माण शीघ्र किया जाए, ताकि लोगों को बीमार होने वाले लोगों को समय अनुसार स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाया जा सके।
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गांव के नाले में बनने वाली पुली के लिए एस्टिमेट भेजा है। स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
-परविंदर कुमार, कनिष्ठ अभियंता लोक निर्माण विभाग।