भोरंज में मनरेगा मजदूरों ने किया प्रदर्शन
सीटू से संबंधित सैकड़ों मजदूरों ने बुद्ववार को खंड विकास अधिकारी भोरंज के कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वाले अधिकांश मनरेगा भवन निर्माण मजदूर थे । भोरंज ब्लॉक की कई पंचायतों में मनरेगा व 14वें वित्त आयोग व अन्य निर्माण कार्यों के ठेका के आधार पर करवाया जा रहा है और कई जगह जेसीबी मशीनों का प्रयोग भी किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भोरंज ब्लॉक की कई पंचायतों में मनरेगा व 14वें वित्तायोग व अन्य निर्माण कार्य ठेके पर करवाए जा रहे हैं और कई जगह जेसीबी मशीनों का प्रयोग भी किया जा रहा है। आरोप लगाया कि मनरेगा मजदूरों को लिखित रूप से मनरेगा का काम मांगने पर पंचायत सचिवों द्वारा रसीद नहीं दी जाती। मनरेगा कार्यो में असेसमेंट के नाम पर उनको 40 से 100 तक दिहाड़ी दी जाती है। मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम वेतन से कम दिहाड़ी देना सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार बंधुआ मजदूरी मानी जाएगी। राज्य सरकार द्वारा मनरेगा कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। केंद्र सरकार ने बजट में कटौती कर दी और इस कारण भी मनरेगा में बजट की कमी के कारण कभी सीमेंट का पैसा नहीं आता तो कभी मटेरियल का। सांसद कभी भी केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा बजट में कटौती को लेकर आवाज नहीं उठाते। मजदूर नेताओं ने खंड विकास अधिकारी को एक मांग पत्र सौंपा। उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरों को पंचायतों में लिखित रूप से काम मांगने पर आवेदन की रसीद दी जाए और आवेदन के 15 दिन के अंदर मनरेगा में काम दिया जाए। मनरेगा, 14वें वित्तायोग व अन्य कार्यों को ठेका के आधार पर न दिया जाए। स्थानीय मजदूरों को प्राथमिकता के आधार पर काम दिया जाए। पंचायत सचिवों को आदेश दिए जाएं कि मनरेगा मजदूरों द्वारा कल्याण बोर्ड में पंजीकृत फार्मों को सत्यापित करें। यदि पंचायतों में ठेका प्रथा बंद नहीं की गई तो सीटू के बैनर तले वे बाहर धरना देने पर मजबूर होंगे। इस अवसर पर सीटू के राष्ट्रीय सचिव कश्मीर ¨सह ठाकुर, अध्यक्ष प्रताप राणा, सचिव सुरेश राठौर, ब्लॉक अध्यक्ष कश्मीर चंद्र भाटिया व ब्लॉक सचिव मंजना वर्मा मौजूद रहे।