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बिल के फेर में फंसी जाहू पंचायत

प्रदेश सरकार ने ग्रामीणों के पीने के पानी के बिल माफ कर दिए हैं ज

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 04:07 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 04:07 PM (IST)
बिल के फेर में फंसी जाहू पंचायत

संवाद सहयोगी, जाहू : प्रदेश सरकार ने ग्रामीणों के पीने के पानी के बिल माफ कर दिए हैं, जबकि जाहू पंचायत को यह निर्णय गले की फांस बन गया है। इसका मुख्य कारण है हिमाचल की एकमात्र जाहू पंचायत का अपने स्तर पर कई वर्षाें से दो पेयजल योजनाओं का संचालन करना। पंचायत को हर माह अपने कर्मचारियों को वेतन देने तथा योजनाओं के रखरखाव के लिए उपभोक्ताओं से पानी के बिल लेने पड़ेंगे।

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भोरंज उपमंडल की नौ वार्डों वाली जाहू पंचायत कई वर्षाें से उठाऊ पेयजल योजना एक व उठाऊ पेयजल योजना दो हौड़ का संचालन कर रही है। हालांकि योजनाओं के बिजली के बिल की अदायगी प्रदेश सरकार ही करती है, लेकिन योजनाओं के रखरखाव का कार्य जाहू पंचायत स्वयं करती है। पंचायत की ओर से दोनों पेयजल योजनाओं के संचालन के लिए भी पांच कर्मचारी नियुक्त किए हैं। दोनों योजनाओं से नौ वार्डों में करीब 700 से ज्यादा नलों के कनेक्शन हैं। पंचायत उपभोक्ताओं से प्रति नल हर महीन 30 रुपये बिल लेती है। इससे पंचायत को करीब 21 हजार रुपये की आमदनी होती है। इस आय में से पंचायत करीब 18 हजार रुपये रखे कर्मचारियों को वेतन के रूप में दे रही है। बाकी पैसों को योजनाओं की मरम्मत पर खर्च किया जा रहा है। अगर पंचायत सरकार के आदेश पर उपभोक्ताओं का पानी का बिल माफ करती है तो कर्मचारियों को उनके वेतन का भुगतान व योजना के मरम्मत को कार्य कैसे होगा। पंचायत प्रतिनिधियों ने इस समस्या के समाधान के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करके प्रदेश सरकार व जल शक्ति विभाग के उच्च अधिकारियों को भेजा है। अभी तक पंचायत को जल शक्ति विभाग की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। पंचायत दोनों योजनाओं का संचालन अपने स्तर पर कर रही है। प्रत्येक नल का 30 रुपये बिल लेकर कर्मचारियों को उनके मासिक वेतन का भुगतान करती है। अगर सरकार के आदेश पर पानी के बिल माफ किए जाएं तो दोनों योजनाओं को सरकार को अपने अधीन करना होगा। अन्यथा कर्मचारियों को उनका वेतन व योजनाओं के रखरखाव के लिए देना होगा।

-अनुराधा शर्मा, प्रधान जाहू पंचायत

जाहू पंचायत दोनों पेयजल योजनाओं को स्वयं चलाती है। जाहू पंचायत को पानी का बिल लेना होगा। इसके लिए पंचायत को ही यह समस्या उच्च अधिकारियों के समक्ष उठानी पड़ेगी।

-राजेंद्र पठानिया, सहायक अभियंता जल शक्ति विभाग भोरंज


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