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उच्च पदों पर अपात्र व चहेतों की तैनाती पर सरकार की घेराबंदी

शीतकालीन सत्र का पहला दिन कांग्रेस के नाम रहा। यह हंगामे से आरंभ हुआ। सरकार को रणनीतिकारों,प्रबंधकों को संभलने का मौका ही नहीं दिया। अपात्रों और चेहतों को नौकरियों देने के आरोपों से जुड़े आरोप पत्र की गूंज दूर तलक सुनाई दी। यह

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 10:05 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 10:05 PM (IST)
उच्च पदों पर अपात्र व चहेतों की तैनाती पर सरकार की घेराबंदी
उच्च पदों पर अपात्र व चहेतों की तैनाती पर सरकार की घेराबंदी

रमेश सिंगटा, धर्मशाला

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विधानसभा के शीतकालीन सत्र का पहला दिन कांग्रेस के नाम रहा। यह हंगामे के साथ शुरू हुआ। विपक्ष ने सरकार के रणनीतिकारों, प्रबंधकों को संभलने का मौका नहीं दिया। उच्च पदों पर अपात्रों और चहेतों को नियुक्ति के आरोपों से जुड़े आरोप पत्र की गूंज दूर तलक सुनाई दी। यह आरोपपत्र आठ पन्नों का है। कांग्रेस विधायक इसे विधानसभा परिसर में लहरा रहे थे, जबकि सदन में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने इसे अपने हाथों में रखा था। सदन में तो पंजा, कमल पर भारी पड़ा ही, वाकआउट के दौरान विधानसभा परिसर में भी तीखे तेवर देखने को मिले। यह उसी चार्जशीट का हिस्सा माना जा रहा है जो इस माह कांग्रेस लेकर आएगी। अभी कांग्रेस विधायकों ने ट्रेलर दिया है। अब सत्ता पक्ष आने वाले दिनों में इस पर रक्षात्मक मुद्रा में दिखेगा।

सोमवार को भी कई मामलों में मुख्यमंत्री को सफाई देनी पड़ी। हेलीकाप्टर का कथित दुरुपयोग मामला, योगगुरु बाबा रामदेव पर मेहरबानी इत्यादि। विपक्ष को धमकाने के आरोपों पर भी जयराम ठाकुर ने साफतौर पर कहा कि उनका स्वभाव धमकाने का है नहीं। बकौल सीएम वह सब कुछ कर सकते हैं, पर किसी को धमकी नहीं दे सकते। रामदेव के मसले पर पक्ष रखा। कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने लीज नियमों में संशोधन किया था। उसमें 20 फीसद रियायत देने का प्रावधान था।

उन्होंने इस मामले की तुलना बापू आसा राम से की। उन्होंने सवाल उठाया कि पूर्व सरकार ने 2003 में पांवटा में आसा राम को निजी जमीन खरीदने की अनुमति दी तो अब हम पर सवाल उठा रहे हैं। सीएम ने दावा जताया कि उन्होंने हेलीकॉप्टर का बिलकुल दुरुपयोग नहीं किया है। कोई नया हेलीकॉप्टर लीज पर नहीं लिया है।

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वीरभद्र रहे खामोश

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र ¨सह ने जयराम ठाकुर के प्रति पूरी तरह से खामोशी बरती। उनके निशाने पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज जरूर रहे। उन्होंने वर्दी मामले में मंत्री के इस्तीफे की मांग की। वह भी सदन के बाहर। अंदर कुछ नहीं बोले।

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हाथ मिले, दिल नहीं

सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र ¨सह, विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री के साथ हाथ मिलाया। उनके साथ कई मंत्री भी थे। माहौल सौहार्दपूर्ण करने की कोशिश की गई। लेकिन हाथ ही मिले, दिल नहीं मिले। अगर दिल मिले होते तो हंगामा करने की नौबत न आती।

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सुक्खू नहीं आए सदन में

कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर ¨सह सुक्खू, विधायक आशा कुमारी, हर्षवर्धन चौहान समेत कई विधायक सदन में पहले रोज नहीं आए। उनकी कमी कांग्रेस को खली। अगर ये भी होते तो सत्ता पक्ष को और दिक्कतों का सामना करना पड़ता।


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