भाग्यरेखा पर तारीखों का ग्रहण
मुकेश मेहरा, पालमपुर उतराला-होली मार्ग तारीखों में ही उलझता जा रहा है। 15 साल से अधर
मुकेश मेहरा, पालमपुर
उतराला-होली मार्ग तारीखों में ही उलझता जा रहा है। 15 साल से अधर में इस काम को विधायक प्राथमिकता में डालने और मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी तारीख पर तारीख ही नसीब हो रही है। नतीजा यह है कि इस मार्ग का जो सर्वे जून के पहले सप्ताह में होना था अब अंतिम हफ्ते तक पहुंच गया है।
दैनिक जागरण की ओर से उतराला-होली सड़क का मामला उठाने के बाद मुख्यमंत्री ने इसे बनाने और इस काम को विधायक प्राथमिकता में डालने की घोषणा की थी। बैजनाथ के साथ विधायक मुल्खराज प्रेमी ने इसे विधायक प्राथमिकता में डाला है और अब इसका सर्वे दोबारा होना है। पिछले माह विधायक मुल्खराज प्रेमी ने कहा था कि इस मार्ग का सर्वे जून के पहले सप्ताह में विभाग की टीम के साथ जाकर वह खुद जाकर करेंगे, लेकिन किसी कारणवश यह तारीख बढ़कर 20 जून हो गई। सूत्रों के अनुसार, इन दिनों स्वास्थ्य मंत्री के बैजनाथ-पपरोला दौरे के कारण प्रशासनिक अमले के वहां मौजूद रहने के कारण अब तिथि आगे सरक गई है। विभागीय अधिकारी अब 30 जून से पहले इस सड़क के सर्वे की बात कर रहे हैं। 15 साल से इंतजार कर रही उतराला-होली सड़क का निर्माण कार्य जिस तरह से तारीखों में उलझ रहा है उससे सर्वे के आरंभ होने की उम्मीद जल्द नहीं दिखती है। अगर यह सड़क बनती है तो पर्यटन को तो बढ़ावा मिलेगा ही साथ ही बेरोजगार युवाओं को रोजगार और कांगड़ा-चंबा की दूरी भी कुछ घंटों तक सिमटकर रह जाएगी। राजनीति की चक्की में पिसता यह मार्ग अब दोबारा सर्वे के लिए तारीखों में उलझता दिख रहा है।
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2003 तक बनी थी 12 किमी सड़क
वर्ष 2000 में तत्कालीन विधायक दूलोराम ने इसका प्रस्ताव दिया था। 2003 तक उतराला-होली सड़क 12 किलोमीटर बनी। इसके बाद सरकारें बदलती गई लेकिन मार्ग पर घोषणाओं के सिवाए कुछ नहीं हुआ। दैनिक जागरण की ओर से मामले को उठाने के बाद एक बार फिर से सरकार सक्रिय हुई है।
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'20 जून को उतराला-होली सड़क के सर्वे के लिए टीम ने जाना था, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के कार्यक्रम के कारण इसे स्थगित किया गया है। अब 30 जून से पहले सर्वे का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।'
-संजीव सूद, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी बैजनाथ