365 रुपये में होगा 2.75 लाख तक का नि:शुल्क उपचार
हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम के तहत 365 रुपये में 2.75 लाख तक का नि:शुल्क उपचार होगा।
ज्वालामुखी, जेएनएन। अब प्रदेश के हर नागरिक का इलाज लगभग मुफ्त होगा। हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम (एचपीयूएचपीएस) के तहत प्रदेश के नागरिक इलाज करवा सकेंगे। स्कीम के तहत ज्वालामुखी नगर परिषद के सात वार्डो में ये कार्ड बनाए जा रहे हैं। यह कार्य 30 जून तक होगा। यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की तरह काम करेगी। जिन परिवारों के स्मार्ट हेल्थ कार्ड नहीं बने हैं, उन्हें इसमें शामिल कर अस्पताल में दाखिल होने पर 30 हजार से 1.75 लाख रुपये और कैंसर रोगियों को 2.25 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी।
नगर परिषद अध्यक्ष भावना सूद ने बताया कि नगर परिषद कार्यालय में निर्धारित तिथियों पर अलग-अलग वार्डो में हेल्थ कार्ड बनाए जा रहे हैं। उन्होंने सभी लोगों से इसका लाभ उठाने का आग्रह किया है। प्रदेश में बीपीएल परिवारों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना(आरएसबीवाइ), मुख्यमंत्री स्टेट हेल्थ कार्ड स्कीम और मेडिकल रिइंबर्समेंट स्कीम के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा प्राप्त होती है। 4180 परिवार इस योजना का लाभ लेने के लिए पंजीकरण करवा चुके हैं और 2100 को कार्ड जारी भी हो चुके हैं।
365 रुपये में बनेगा कार्ड योजना के तहत 365 रुपये देकर स्मार्ट कार्ड बनाया जाता है। इसमें परिवार के पांच सदस्य शामिल होते हैं। एक रुपये प्रतिदिन के हिसाब से सरकार की ओर से 365 रुपये कार्ड बनाने के लिए तय किए गए हैं। यानी लोगों को इलाज का खर्च रोजाना एक रुपये पड़ेगा। अगर परिवार का कोई सदस्य बीमार होता है तो अस्पताल में दाखिल होने पर 30 हजार से 1.75 लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा मिलेगी।
कैंसर के मरीज का 2.75 लाख तक नि:शुल्क उपचार अगर कोई कैंसर का मरीज है तो उसका 2.75 लाख रुपये तक का इलाज नि:शुल्क करवाया जाएगा। यही नहीं हृदय और अन्य गंभीर बीमारी की स्थिति में भी यह सुविधा मिलेगी।
कैसे बनेगा कार्ड योजना के तहत संबंधित कंपनी सभी मुख्य अस्पतालों में कार्ड बनाएगी। इसके लिए परिवार के सभी सदस्यों का मौके पर होना जरूरी होता है। सभी सदस्यों के हाथ के निशान और फोटो ली जाती है और उन्हें कार्ड जारी कर दिया जाता है। अगर साइबर कैफे और लोकमित्र केंद्रों में पंजीकरण करवाते हैं तो इसके लिए 450 रुपये तक चुकाने पड़ते हैं। अब पंचायत घरों, नगर परिषद कार्यालय व महिला मंडल भवन में भी ये कार्ड बनाए जा रहे हैं।