ड्यूटी पर लापरवाही से हुआ हादसा, फाटक सुरक्षाकर्मी को दो साल कैद
रेल गुजरने के समय फाटक का गेट बंद न करने से हुए हादसे के मारे गए चार लोगों के मामले में न्यायालय ने फाटक के गेटमैन को दो साल की कैद और पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। पिछले पांच सालों से चल रहे केस पर सुनवाई करते हुए वीरवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुष्पेंद्र वैद्य आरोपित संजय कुमार निवासी पठानकोट के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर यह सजा सुनाई है।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : रेल गुजरने के समय फाटक का गेट बंद न करने से हुए हादसे में मारे गए चार लोगों के मामले में न्यायालय ने फाटक के गेटमैन को दो साल की कैद और पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। पांच साल से चल रहे केस पर सुनवाई करते हुए वीरवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुरेंद्र वैद्य ने दोषी संजय कुमार निवासी पठानकोट के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर यह सजा सुनाई है।
जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि 18 जनवरी 2013 रात करीब साढ़े 10 बजे पठानकोट से जालंधर की ओर ट्रेन नंबर 12492 जा रही थी। इस दौरान जब ट्रेन डमटाल के पास पहुंची तो फाटक के गेटमैन संजय कुमार (42) निवासी गांव ठानपुर तहसील पठानकोट पंजाब ने ड्यूटी में लापरवाही करते हुए फाटक का गेट बंद नहीं किया। गेट खुला होने के कारण फाटक से गुजर रही एक कार नंबर एचपी-54-6777 ट्रेन की चपेट में आ गई।
टक्कर इतनी जोरदार हुई कि कार 50 मीटर दूर पहुंच गई। हादसे में चालक श्याम लाल (30), केशव ¨सह कटोच (75), शिवम कटोच (10) व आरुषि कटोच (6) सभी निवासी इंदपुर की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना के बाद मौके पर पहुंची रेलवे पुलिस कांगड़ा थाना की टीम ने शव का नूरपुर अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया। जबकि जांच में पाया गया कि हादसे के बाद गेटमैन घटनास्थल से फरार हो गया था।
रेलवे पुलिस की जांच के बाद न्यायालय पहुंचे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 11 गवाह पेश किए गए। गवाहों के बयान के आधार पर संजय के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर न्यायधीश पुरेंद्र वैद्य ने दो साल कारावास व पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।