Move to Jagran APP

स्विट्जरलैंड में तिब्बती राजनीतिक कैदी जिग्मे सांग्पो की मौत

जागरण संवाददाता धर्मशाला चीन के दमन पर तिब्बती राजनीतिक कैदी के रूप में सजा भुगत चुके तनक

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 09:01 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 05:15 AM (IST)
स्विट्जरलैंड में तिब्बती राजनीतिक 
कैदी जिग्मे सांग्पो की मौत
स्विट्जरलैंड में तिब्बती राजनीतिक कैदी जिग्मे सांग्पो की मौत

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : चीन के दमन पर तिब्बती राजनीतिक कैदी के रूप में सजा भुगत चुके तनक जिग्मे सांग्पो का रविवार को स्विट्जरलैंड में निधन हो गया। सांग्पो चीनी जेल में 37 साल की सजा पूरी करने के एक साल बाद 2003 में राजनीतिक शरण पाने के बाद से स्विट्जरलैंड में थे। उनका निधन 91 साल की आयु में हुआ है। उनके निधन पर निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री डा. लाबसांग सांग्ये ने संवेदना जताई है।

loksabha election banner

सांग्पो पेशे से अध्यापक थे। पहली बार 1960 में ल्हासा प्राइमरी स्कूल में पढ़ाते समय उन्हें गिरफ्तार किया था। चीन ने सांग्पो पर आरोप लगाया था कि वह बच्चों के दिमाग में गलत बातें डाल रहे हैं। चीन के खिलाफ गलत टिप्पणियां एवं बच्चों को चीन के खिलाफ भड़काने का दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी और ल्हासा में श्रम शिविर में भेज दिया था। 1970 में प्रति-क्रांतिकारी प्रचार के लिए उन्हें फिर से 10 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद चीन ने यह आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था कि वह भतीजी के माध्यम से धर्मगुरु दलाईलामा को चीनी अत्याचार की रिपोर्ट करने वाले एक दस्तावेज भेजने के प्रयास कर रहे थे। मजबूर परिश्रम, जेल में अत्याचार और कठोर जेल की स्थिति के परिणामस्वरूप सांग्पो की दृष्टि चली गई थी। चीनी सरकार ने उन्हें मार्च 2002 में 76 वर्ष की आयु में मेडिकल पैरोल पर रिहा कर दिया था। अगस्त 2002 में वह एक राजनीतिक शरणार्थी के रूप में स्विट्जरलैंड में बस गए और तिब्बत के मुद्दे की लगातार वकालत की थी। अप्रैल 2003 में सांग्पो ने संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयोग में पहली बार गवाही दी, जिसमें उन्होंने कहा कि तिब्बत का यह बूढ़ा व्यक्ति अपील करता है कि वह तिब्बतियों की पीड़ा को समाप्त करने में मदद करे। सांग्पो के जीवन पर एक डाक्यूमेंट्री भी बनी थी, जिसे जनवरी 2014 में धर्मशाला में निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री डा. सांग्ये ने रिलीज किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.