सहारा बने कारोबारी, गरीबों का भर रहे पेट
कोरोना वायरस के कारण बनी इस आपदा की घड़ी में बैजनाथ-पपरोला में व्यवसायियों की एक टीम ऐसी भी है। जो अपने ही खर्च पर उन लोगों तक खाना बनाकर पहुंचा रही है। जिनके पास न अपना घर है और न ही खाना बनाने की कोई व्यवस्था। इनमें साधु व भीख मांगकर गुजारा करने वालों सहित कुछ गरीब लोग ऐसे भी हैं जो यहां अकेले काम करते आ रहे हैं।
मुनीष दीक्षित, बैजनाथ
कोरोना वायरस के कारण आपदा की इस घड़ी में बैजनाथ-पपरोला में व्यवसायियों की एक टीम ऐसी भी है जो अपने ही खर्च पर उन लोगों तक खाना पहुंचा रही है, जिनके पास न घर है और न ही खाना बनाने की व्यवस्था। इनमें साधु व भीख मांगकर गुजारा करने वालों सहित कुछ गरीब ऐसे भी हैं, जो यहां अकेले काम करते आ रहे हैं। ऐसे करीब 20 लोग हैं। इन लोगों के हालात जब बैजनाथ के कुछ व्यवसायियों ने देखे तो उन्होंने खुद ही रोजाना खाना बनाकर इन तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया। इस पहल को आगे बढ़ाने में महाराजा पैलेस ने सहयोग दिया और मालिक अरुण नंदा व इंद्र नंदा ने खाना बनाने के लिए पैलेस में ही व्यवस्था कर दी। इस टीम में शामिल बैजनाथ व्यापार मंडल के अध्यक्ष अनिल शर्मा, राकेश सूद, इंद्र नंदा, अरुण नंदा, राजकुमार सूद, हंस राज, नीरज धवन, शेखर सग्गी, सर्वजीत डोहरू व सोनू अपने खर्च पर 10 दिन से खाना बना रहे हैं। प्रशासन की स्वीकृति से खाने को सुबह 11 बजे बैजनाथ क्षेत्र में कई स्थानों पर फंसे साधु व अन्य बेसहारा लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा यह टीम यहां जरूरी सेवाओं में जुटे पुलिस व अन्य विभागों के उन कर्मचारियों जो घरों से मीलों दूर यहां सेवाएं दे रहे हैं, उनके लिए भी दोपहर के भोजन की व्यवस्था कर रही है। रोजाना यह टीम करीब 50 लोगों को खाना खिला रही है।
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महाराजा पैलेस में है क्वारंटाइन सेंटर
महाराजा पैलेस बैजनाथ को क्वारंटाइन सेंटर भी बनाया गया है। जब यहां जिला मंडी की ओर से आने वाले लोगों को क्वारंटाइन में रखने की बात आ रही थी तो खुद पैलेस के मालिकों ने प्रशासन को यहां व्यवस्था का न्योता दिया। इसके बाद यहां बिस्तर लगाए गए हैं पर अभी मंडी की ओर से कोई बाहरी लोग नहीं आए हैं।