टांडा ने बनाया सुरक्षित प्रसव करवाने का रिकॉर्ड
जागरण संवाददाता, टांडा : प्रदेश के दूसरे बडे़ अस्पतालों के मुकाबले गर्भवती महिलाएं सुरक्षित प
जागरण संवाददाता, टांडा : प्रदेश के दूसरे बडे़ अस्पतालों के मुकाबले गर्भवती महिलाएं सुरक्षित प्रसव के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज को चुनती हैं। पिछले साल डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल कांगड़ा स्थित टांडा में 9577 महिलाओं के सुरक्षित प्रसव हुए। यह आंकड़ा प्रदेश के किसी भी अस्पताल से कहीं अधिक है। टांडा मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने बताया कि आइजीएमसी शिमला व कमला नेहरू अस्पताल (केएनएच) शिमला से भी यह आंकड़ा कहीं अधिक है। उन्होंने बताया कि साल में 524389 मरीज टांडा मेडिकल कॉलेज में इलाज करवाने के लिए पहुंचे। टांडा मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों की मेहनत के कारण ही लोग यहां इतनी संख्या में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।
डॉ. गुरदर्शन ने बताया कि पिछले साल 5727 मरीजों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, मुख्यमंत्री प्रदेश स्वास्थ्य बीमा योजना व स्टेट हेल्थ केयर स्कीम के तहत 3 करोड़ 31 लाख 85 हजार 912 रुपये बेसिक पैकेज के तहत मुफ्त इलाज पर खर्च किए गए। इसके अलावा क्रिटीकल केयर पैकेज के तहत 384 मरीजों को 2 करोड़ 17 लाख 56 हजार 603 रुपये के मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई। जिन गरीब मरीजों के पास किसी भी किस्म के कार्ड की सुविधा नहीं थी उनको भी रोगी कल्याण समिति (आरकेएस) के माध्यम से आर्थिक सहायता दी गई। चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम के अंतर्गत किसी भी आयु वर्ग के लोग 365 रुपये के प्रतिवर्ष प्रीमियम पर अपने परिवार का धर्मशाला के क्षेत्रीय अस्पताल में 218 नंबर कमरे में बीमा करवा कर सरकार की इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना में कैंसर के रोगियों को दो लाख 25 हजार तक व क्रिटीकल केयर में एक लाख 75 हजार रुपये और सामान्य रोगियों को 30 हजार रुपये तक की सुविधा उपलब्ध है। चिकित्सा अधीक्षक ने माना कि कुछ कमियां हर संस्थान में रहती है, परंतु अस्पताल प्रबंधन इन्हें दूर करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा दी जा रही विभिन्न सुविधाओं को जरूरतमंद रोगियों तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।