सरकार को झटका, डॉ. भारती के खिलाफ याचिका अस्वीकृत
जागरण संवाददाता, टांडा : हिमाचल सरकार को सर्वोच्च न्यायालय में भी झटका लगा है। डॉ. राजें
जागरण संवाददाता, टांडा : हिमाचल सरकार को सर्वोच्च न्यायालय में भी झटका लगा है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल कांगड़ा स्थित टांडा के पूर्व प्राचार्य डॉ. रमेश भारती के खिलाफ सरकार की याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने अस्वीकृत कर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर मुहर लगाते हुए मामले को हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के सुपुर्द कर दिया है।
सर्वोच्च न्यायालय में तीन दिसंबर को हुई मामले की सुनवाई में न्यायाधीश उदय उमेश ललित व न्यायाधीश आर सुभाष रेड्डी ने कहा कि इसमें ऐसा कुछ नहीं है कि इसे सुना जाए। उन्होंने हिमाचल सरकार की याचिका को अस्वीकृत करते हुए प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को दो माह में मामले को निपटाने के आदेश दिए। आदेश में कहा गया है कि ट्रिब्यूनल 31 जनवरी 2019 तक हर हाल में मामले को निपटाए।
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यह है मामला
सरकार ने इसी साल अप्रैल में डॉ. रमेश भारती का तबादला चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएमई) के सलाहकार के पद पर किया था। सरकार के आदेश को डॉ. भारती ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी। ट्रिब्यूनल ने उन्हें स्टे देते हुए सरकार के समक्ष पक्ष रखने का आदेश दिया। अगली सुनवाई में ट्रिब्यूनल ने सरकार को दो सप्ताह का समय पक्ष रखने के लिए दिया, परंतु स्टे से इन्कार कर दिया। फिर डॉ. भारती हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट ने तबादले पर रोक लगा दी। सरकार को डॉ. भारती को तबादले के स्थान पर ज्वाइन करने के लिए विवश न करने का आदेश दिया तथा मामले को ट्रिब्यूनल को भेजते हुए दो माह के भीतर इसके निपटारे के आदेश दिए थे। सरकार ने हाई कोर्ट के इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
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सर्जन हूं, गरीब लोगों की सेवा के लिए ही सरकारी नौकरी कर रहा हूं। किसी पद की लालसा नहीं है। हिमाचल में विशेषज्ञों के सैकड़ों पद खाली हैं। इसी को ध्यान में रखकर सरकार को कोई निर्णय लेना चाहिए। इसके अलावा कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा।
-डॉ. रमेश भारती, पूर्व प्राचार्य एवं एचओडी सर्जरी टांडा मेडिकल कॉलेज।