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सच के साथी सीनियर्स: धर्मशाला के वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए आयोजित की गई ऑनलाइन फैक्ट चेकिंग की ट्रेनिंग

धर्मशाला में 23 फरवरी को जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग विंग विश्वास न्यूज ने सच के साथी सीनियर्स अभियान (Sach Ke Sathi Seniors Campaign) का आयोजन किया। ये अभियान वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयोजित किया गया जिसमें विश्वास न्यूज की डिप्टी एडिटर और फैक्ट चेकर देविका मेहता और पल्लवी मिश्रा ने वरिष्ठ नागरिकों को डिजिटल सुरक्षा व वोटर जागरूकता के बारे में जानकारी दी।

By Jagran News Edited By: Gurpreet Cheema Published: Fri, 23 Feb 2024 05:53 PM (IST)Updated: Fri, 23 Feb 2024 05:53 PM (IST)
धर्मशाला के वरिष्‍ठ ना‍गरिकों के लिए ऑनलाइन फैक्ट चेकिंग ट्रेनिंग

धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के वरिष्‍ठ ना‍गरिकों को फर्जी और भ्रामक सूचनाओं से बचाने के लिए एक खास वेबिनार की गई। जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चैकिंग विंग विश्वास न्यूज ने 23 फरवरी को 'सच के साथी-सीनियर्स' अभियान के तहत यह आयोजन किया। इसमें विश्‍वास न्‍यूज की फैक्‍ट चेकर देविका मेहता और पल्‍लवी मिश्रा ने वरिष्‍ठ नागरिकों को ट्रेनिंग दी। दोनों फैक्‍ट चेकर ने प्रतिभागियों को फैक्ट चेकिंग, डिजिटल सुरक्षा और वोटर जागरूकता के बारे में जानकारी दी ।

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इस ऑनलाइन कार्यशाला में विश्वास न्यूज की डिप्टी एडिटर और फैक्ट चेकर देविका मेहता ने विश्‍वास न्‍यूज के मीडिया साक्षरता कार्यक्रम के बारे में विस्‍तार से बताया। उन्‍होंने सच, झूठ और राय में अंतर को उदाहरणों के माध्‍यम से समझाते हुए कहा कि सचेत रहकर खुद को फर्जी सूचनाओं और धोखाधड़ी से बचाया जा सकता है।

मेहता ने 'SOS' फॉर्मूला के बारे में बताते हुए कहा कि किसी भी सोशल मीडिया मैसेज के लिए इन्हें फॉलो करना जरूरी है। यह है- रुकें, ध्यान दें और साझा करें, ताकि गलत जानकारी के प्रसार को रोका जा सके। वेबिनार के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को सतर्क मीडिया प्रथाओं के माध्यम से झूठी सामग्री को वायरल होने से रोकने के बारे में टिप्स दिया गया।

वहीं, विश्वास न्यूज की डिप्टी एडिटर फैक्ट चेकर पल्‍लवी मिश्रा ने फेक और भ्रामक खबरों की पहचान के तरीके बताएं। उन्होंने कहा कि इन खबरों को रोकने के लिए सही सोर्स की जानकारी होना जरूरी है। इसके साथ ही वेबिनार में शामिल लोगों को वोटर जागरूकता और डिजिटल सेफ्टी के बारे में भी प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान सभी प्रतिभागियों को संदिग्ध सूचनाओं की पहचान के लिए गूगल लेंस और रिवर्स इमेज सर्च जैसे फैक्ट चेकिंग टूल्स के इस्तेमाल की भी जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे बताते हुए डीपफेक के नुकसान के बारे में भी लोगों को आगाह किया गया।

कई राज्यों में हो चुका है आयोजन

हिमाचल प्रदेश से पहले राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार के लोगों को भी इस तरह का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। गूगल न्यूज इनिशिएटिव (जीएनआई) के सहयोग से संचालित हो रहे इस कार्यक्रम का अकादमिक भागीदार माइका (मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस, अहमदाबाद) है।

अभियान के बारे में

'सच के साथी सीनियर्स' भारत में तेजी से बढ़ रही फेक और भ्रामक सूचनाओं के मुद्दे को उठाने वाला मीडिया साक्षरता अभियान है। कार्यक्रम का उद्देश्य 15 राज्यों के 50 शहरों में सेमिनार और वेबिनार की श्रृंखला के माध्यम से स्रोतों का विश्लेषण करने, विश्वसनीय और अविश्वसनीय जानकारी के बीच अंतर करते हुए वरिष्ठ नागरिकों को तार्किक निर्णय लेने में मदद करना है। इसमें रजिस्ट्रेशन करने के लिए www.vishvasnews.com/sach-ke-sathi-seniors/ पर क्लिक करें।


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