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आंखों की रोशनी खो चुके युवक की जिंदगी से छटा अंधेरा

मेला मल सूद रोटरी आई अस्पताल मारंडा के चिकित्सकों ने जिला रामपुर के कूहल निवासी निखिल असटू की आंख का इलाज करके

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Mar 2019 11:34 PM (IST)Updated: Sat, 02 Mar 2019 11:34 PM (IST)
आंखों की रोशनी खो चुके युवक की जिंदगी से छटा अंधेरा

संवाद सहयोगी, पालमपुर : मेला मल सूद रोटरी आई अस्पताल मारंडा के डॉक्टरों ने एक और युवक की जिंदगी से अंधेरा दूर किया है। रामपुर के कूहल निवासी निखिल असटू की आंख का इलाज सफलतापूर्वक किया है। शनिवार को रामपुर से रोटरी आई अस्पताल मारंडा पहुंचे  निखिल के पिता मेन राम ने बताया कि  जमा एक कक्षा में पढ़ाई कर रहे उनके बेटे की एक आंख बचपन से छोटी व खराब है और चार साल पूर्व उसकी दूसरी आंख की रोशनी भी कम होने लगी। पिछले साल इस आंख की रोशनी भी पूरी तरह चली गई। मेन राम ने बताया कि जून 2018 में रोटरी ने रामपुर में आंखों के चेकअप का शिविर लगाया था, जहां निखिल की जांच करवाई गई। इस दौरान डॉक्टरों ने पाया कि उसकी एक आंख छोटी है, जो ठीक नहीं हो सकती, लेकिन दूसरी आंख का पर्दा फटा था। इसका इलाज मारंडा आई अस्पताल में रेटिना विशेषज्ञ डॉ. सुधीर सल्होत्रा ने शुरू किया। इस वर्ष जनवरी में निखिल की आंख का ऑपरेशन किया। इसके बाद दो सप्ताह के अंदर निखिल की आंख की 60 फीसद रोशनी वापस आ गई है। निखिल की जिंदगी में फिर रोशनी आने पर परिवार बहुत खुश है।

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निखिल के पिता ने बताया कि उनकी दो बेटियां कॉलेज में पढ़ती हैं और बेटा निखिल भी पढ़ाई में अव्वल था। हर वर्ष प्रथम श्रेणी में ही परीक्षा पास करता था, लेकिन जैसे ही उसकी एक वर्ष पहले आखों की रोशनी चली गई तो वह 11वीं की परीक्षा में फेल हो गया। इसके बाद उसकी पढ़ाई भी रुक गई। अब मारंडा रोटरी आई अस्पताल परिवार के लिए वरदान साबित हुआ  है। उन्होंने कहा कि यदि उनके बेटे की आंखों की रोशनी वापस नहीं आती तो उनके परिवार की पूरी दुनिया बिखर जानी थी।

पालमपुर रोटरी क्लब की ओर से जनसहयोग से निर्मित रोटरी आई अस्पताल  में अन्य अस्पतालों की तुलना में तीन से चार गुणा सस्ती दरों पर ऑपरेशन किया जाता है। इस अस्पताल में पीजीआइ स्तर की सभी आधुनिक मशीनें उपलब्ध हैं। मारंडा अस्पताल ने एक वर्ष पूर्व निजी अस्पताल में हुए छह मरीजों के ऑपरेशन के बाद रोशनी चली जाने पर सभी मरीजों का उपचार कर सकुशल घर भेजा था।


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