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शांता के सपनों का रोप-वे नहीं बढ़ा कागजों से आगे

पालमपुर में न्यूगल कैफे के पास बनने वाले रोप-वे का शिलान्यास 1990 में हुआ था। लेकिन इसका निर्माण केवल दावों व कागजों में ही नजर आ रहा है।

By BabitaEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 02:42 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 04:36 PM (IST)
शांता के सपनों का रोप-वे नहीं बढ़ा कागजों से आगे
शांता के सपनों का रोप-वे नहीं बढ़ा कागजों से आगे

पालमपुर, मुकेश मेहरा। सांसद शांता कुमार का रोप-वे का सपना फिलहाल कागजों तक सिमटता नजर आ रहा है। पालमपुर सहित अन्य रोप-वे भी अधर में लटकते नजर आ रहे हैं। यामिनी में हुई हाई प्रोफाइल बैठक के बाद भी पालमपुर रोप-वे का काम कागजों से आगे नहीं बढ़ा है, क्योंकि दस्तावेज इंफ्रास्ट्रक्चर बोर्ड के पास नहीं पहुंचे हैं। इसके लिए नई जगह की तलाश भी करनी पड़ेगी। आदि हिमानी चामुंडा रोप-वे को वन विभाग की क्लीयरेंस का इंतजार है और बीड़ क्षेत्र के रोप-वे के लिए अभी तक प्रस्ताव नहीं बना है।

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पालमपुर में न्यूगल कैफे के पास बनने वाले रोप-वे का शिलान्यास 1990 में हुआ था। लेकिन इसका निर्माण केवल दावों व कागजों में ही नजर आ रहा है। पर्यटन विभाग के अधिकारियों की मानें तो मामला इंफ्रास्ट्रक्चर बोर्ड के पास है और अधिकारी वर्तमान में कोई भी प्रक्रिया शुरू न होने की बात कह रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि पालमपुर में बनने वाले रोप-वे के लिए नई जगह की तलाश करनी पड़ेगी।

क्या है वर्तमान स्थित:

पालमपुर रोप-वे की बात करें तो इसका निर्माण न्यूगल कैफे के साथ लगती जमीन पर होना था। इसके लिए केंद्रीय मंत्री से शिलान्यास भी करवाया गया था, लेकिन इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया। न्यूगल कैफे के आसपास पर्यटन विभाग ने अपनी जमीन पर पार्क व भवन आदि का निर्माण कर दिया है। 

ऐसे में पालमपुर रोप-वे के लिए नई जगह तलाशनी होगी। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने भी एक जमीन बताई थी, लेकिन नियमों के अनुसार ठीक नहीं पाई गई। रोप-वे के निर्माण के दौरान यह भी देखना होगा कि इसके बनने से कितना लाभ सरकार या बनाने वाली फर्म को होगा।

मनीषा नंदा ने किया था दौरा:

गत दिनों पूर्व पर्यटन सचिव मनीषा नंदा ने भी न्यूगल कैफे के आसपास के क्षेत्र का दौरा कर अधिकारियों को जल्द कार्य शुरू करने के निर्देश दिए थे लेकिन अब रोप-वे के लिए जमीन की कमी खल रही है।

देश में टूरिज्म पॉलिसी पुरानी है। इसमें बदलाव की जरूरत है। यही कारण निवेशक यहां नहीं आना चाहते हैं। मुख्यमंत्री से इस बारे में बात की है और योजना बन रही है। इसके बनने के बाद टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे और इसके बाद आगामी कार्रवाई होगी।

-शांता कुमार, सांसद, कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र

यामिनी में हुई बैठक के बाद अभी तक इन्फ्रास्ट्रक्चर बोर्ड के पास पालमपुर रोप-वे से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं पहुंचा है। रोप-वे के लिए नई जमीन देखी जाएगी। बीड़ रोप-वे के लिए अभी तक प्रस्ताव नहीं आया है और आदि हिमानी चामुंडा रोप-वे के लिए वन विभाग की मंजूरी नहीं आई है।

अनिल कपिल, सीजीएम हिमाचल प्रदेश इंफ्रास्ट्रक्चर बोर्ड


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