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पंचायतों को खुले बाजार से सीमेंट खरीदने की मिले अनुमति

हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े विकास खंड परागपुर में बुधवार को पंचायत प्रधानों पंचायत सचिवों तकनीकी सहायकों कनिष्ठ अभियंताओं जिला परिषद तथा पंचायत समिति सदस्यों की विशेष बैठक जिला परिषद अध्यक्ष मधु गुप्ता की अध्यक्षता में पंचायत समिति हाल परागपुर में आयोजित की गई। बैठक में जिला परिषद सदस्यों द्वारा पंचायतों को विकास कार्यों के लिए आवंटित की गई राशि की समीक्षा की गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 10:52 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 06:18 AM (IST)
पंचायतों को खुले बाजार से सीमेंट 
खरीदने की मिले अनुमति
पंचायतों को खुले बाजार से सीमेंट खरीदने की मिले अनुमति

संवाद सूत्र, जसवां परागपुर : कांगड़ा जिले के सबसे बड़े विकास खंड परागपुर  में बुधवार को पंचायत प्रधानों, सचिवों, तकनीकी सहायकों,  कनिष्ठ अभियंताओं, जिला परिषद तथा पंचायत समिति सदस्यों की बैठक जिला परिषद अध्यक्ष मधु गुप्ता की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान प्रधानों ने कहा कि समय पर सीमेंट न मिलने से विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने अध्यक्ष से पंचायतों को खुले बाजार से सीमेंट खरीदने की अनुमति देने का मामला उठाया।

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इस दौरान जिला परिषद सदस्य शेर सिंह डोगरा ने कहा कि उन्होंने क्षेत्राधिकार की पंचायतों में अलग-अलग  कार्यों के लिए राशि आवंटित की थी, लेकिन स्थानीय पंचायत के अंदर ही अधिकांश कार्य लंबित होने  से उन्होंने नाराजगी जताई। जिला परिषद अध्यक्ष ने  लंबित कार्यों को जल्द शुरू करने के निर्देश दिए। इस दौरान खुलासा हुआ कि जिला परिषद सदस्यों की ओर से स्वीकृत किए गए  अधिकांश कार्य  पंचायतों ने शुरू किए थे जबकि कुछ जगह  भूमि विवाद के कारण लंबित हैं। बैठक में हार पंचायत के प्रधान गुरचरण सिंह ने जिला परिषद सदस्यों की ओर से आवंटित की जा रही राशि पर सवाल उठाया। तर्क दिया कि कई पंचायतें ऐसी हैं जहां जिला परिषद सदस्यों ने किसी भी कार्य के लिए धन का आवंटन नहीं किया है।  प्रधान गुरचरण सिंह ने कहा कि समीक्षा बैठक की बजाय पंचायतों को समयावधि में सीमेंट उपलब्ध करवाना होगा  अन्यथा विकास कार्यो को निर्धारित अवधि में पूरा नहीं किया जा सकता है।  उन्होंने जिला परिषद अध्यक्ष से कहा कि पंचायतों को खुले बाजार से सीमेंट  खरीदने की अनुमति प्रदान करने के लिए सरकार से वार्ता करें। जिला परिषद सदस्य पूनम धीमान  ने कहा कि यदि पंचायतें छह माह के भीतर कार्यो को शुरू नहीं करवाती हैं तो ऐसी स्थिति में जिला परिषद सदस्य को अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिए ताकि वे स्वयं कार्य करवा सकें। सरकार को इस तरह की व्यवस्था सुनिश्चित बनानी होगी क्योंकि पंचायतों में लंबित कार्यों की तादाद बहुत ज्यादा है। खंड विकास अधिकारी जीसी पाठक ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि वे जिला परिषद सदस्यों की ओर से मंजूर किए गए कार्यों की स्वयं मॉनिटरिग करेंगे। बैठक में पंचायत समिति अध्यक्ष शोभा रानी, कनिष्ठ अभियंता जीवन राणा सहित अन्य मौजूद रहे।


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