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राजा का तालाब में निजी अस्पताल सील

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : राजा का तालाब में विभाग को गुमराह कर चल रहे एक निजी अस्पताल का

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Aug 2018 11:00 AM (IST)Updated: Thu, 23 Aug 2018 11:00 AM (IST)
राजा का तालाब में निजी अस्पताल सील

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : राजा का तालाब में विभाग को गुमराह कर चल रहे एक निजी अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को सील कर दिया। साथ ही रैहन निवासी कर्म चंद की जान के साथ खेलने वाले अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन भी सील कर दी है। इसके अलावा अस्पताल के डॉक्टरों की डिग्रियां भी विभाग ने तलब की हैं।

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विभाग को शक है कि कर्म चंद का ऑपरेशन विशेषज्ञ डॉक्टर ने नहीं किया है और अस्पताल का अन्य स्टाफ भी नियमों के अनुसार प्रशिक्षित नहीं है। 14 अगस्त को स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के रैहन दौरे के दौरान उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन को उक्त अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने और जरूरत पड़ने पर सील करने का आदेश दिया था। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा ने बुधवार को राजा का तालाब के पास स्थित निजी अस्पताल में दबिश दी। अस्पताल को पहले ही क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लेकर नोटिस जारी किया था। आरोप था कि अस्पताल प्रशासन ने पंजीकरण के दौरान जो डॉक्टर दर्शाए थे असल में वह एक भी डॉक्टर अस्पताल में तैनात नहीं था और इस पर हॉस्पिटल को सील किया है। इसके अलावा कर्म चंद के साथ अन्याय करने वाले अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन सील कर दी है। मामले की जांच के लिए जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश गुलेरी, बीएमओ फतेहपुर डॉ. सुरेंद्र सिंह व डॉक्टर विक्रांत की जांच टीम का गठन किया है। सूत्र बताते हैं कि विभाग अस्पताल को सील करने की तैयारी कर रहा है।

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इसलिए सील किया अस्पताल

अस्पताल ने जब स्वास्थ्य विभाग में क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत पंजीकरण करवाया था तो हॉस्पिटल प्रशासन ने यहां तैनात डॉक्टरों की सूची दी थी। इसके बाद डॉक्टरों को लेकर लोगों की शिकायतें आने लगी थी। जब विभाग ने जांच की तो पाया कि पंजीकरण के दौरान जिन डॉक्टरों की सूची विभाग को दी गई है असल में वह एक भी डॉक्टर अस्पताल में तैनात ही नहीं है। इस पर मई में अस्पताल को नोटिस जारी कर डॉक्टरों की तैनाती करने के निर्देश जारी किए थे लेकिन अस्पताल प्रशासन इस बाबत कोई कदम नहीं उठा पाया और इस कारण ही अस्पताल को सील किया है।

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यह था कर्म चंद का मामला

रैहन के परड़ूही गाव के कर्म चंद को अचानक पेट में दर्द हुआ तो परिजन उसे 11 जुलाई को राजा का तालाब स्थित एक निजी अस्पताल ले गए। यहां चिकित्सकों ने ऑपरेशन कर दिया और टाके खोलकर घर भेज दिया, लेकिन कर्म चंद रात को सो नहीं पाया। जहां ऑपरेशन के लिए चीरा लगाया था वहा से पेट खुल गया था। पेट से निकल रहे पानी से बिस्तर गीला हो गया था। दूसरे दिन परिजन कर्म चंद को दोबारा निजी अस्पताल ले आए। 10-12 दिन तक वहां दाखिल रखा लेकिन जब चिकित्सकों के हाथ खडे़ हो गए तो उन्होंने परिजनों को बताया कि कर्म चंद को टाडा अस्पताल रेफर किया जा रहा है। परिजनों के साथ निजी अस्पताल के एक डॉक्टर ने कर्म चंद को टाडा अस्पताल में भर्ती करवाया। 25 जुलाई से कर्म चंद टाडा मेडिकल कॉलेज में भर्ती है। कर्म चंद के साथ हुए अन्याय का मामला दैनिक जागरण ने 11 अगस्त के अंक में 'पेट फाड़कर तड़पता छोड़ दिया मरीज' शीर्षक से उठाया था। इस पर संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कर्म चंद के इलाज की जिम्मेदारी उठाई थी। अब सरकार ने दैनिक जागरण की खबर पर संज्ञान लेते हुए उक्त अस्पताल को सील करने के निर्देश दिए हैं।

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'राजा का तालाब स्थित एक अस्पताल को गलत तरीके से पंजीकरण करवाने पर सील किया है, जबकि दूसरे अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन सील की है। मशीनों में भी खामियां पाई गई थीं।'

-डॉ. आरएस राणा, सीएमओ कांगड़ा


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