आयुर्वेद घोटाले के आरोपितों को बहाल करने की तैयारी
आयर्वेद विभाग में दो करोड़ के उपकरणों की खरीद के घोटाले के आरोपियों को उनके खिलाफ बिना कार्रवाई किए बहाल करने की तैयारी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसके लिए सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और एक दो दिनों में बहाली के आदेश जारी हो जाएंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार
राज्य ब्यूरो, शिमला : आयुर्वेद विभाग में दो करोड़ के उपकरणों की खरीद के घोटाले के आरोपितों को उनके खिलाफ बिना कार्रवाई किए बहाल करने की तैयारी है। सूत्रों के अनुसार इसके लिए सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। एक-दो दिन में बहाली के आदेश जारी हो जाएंगे।
दैनिक जागरण ने आयुर्वेद विभाग में घोटाले का खुलासा किया था। आयुर्वेद विभाग में उपकरणों की खरीद के लिए गठित तकनीकी कमेटी में जिन डॉक्टरों को निलंबित किया गया था, उनमें उपनिदेशक कांगड़ा जोन डॉ. तेजस्वी विजय आजाद, आयुर्वेद अधिकारी डॉ. केडी शर्मा और डॉ. शैली बंसल शामिल हैं। इसी कमेटी ने दो करोड़ रुपये के उपकरण खरीदे थे। इस कमेटी के तीनों सदस्यों को बहाल करने के बाद उन्हीं स्थानों पर तैनाती देने की तैयारी है जहां ये सेवाएं प्रदान कर रहे थे। डॉ. तेजस्वी विजय आजाद कांगड़ा में तैनात थे जबकि सेवाएं शिमला में दे रहे था। उनका वेतन कांगड़ा से जारी होता था।
इस मामले में आयुर्वेद विभाग के तत्कालीन निदेशक संजीव भटनागर को भी निलंबित किया गया था। उन्हें भी बहाल करने की तैयारी है। इन सभी को बहाल करने के बाद अब जैम पोर्टल से खरीदारी करने वाले वरिष्ठ सहायक राजेश कौशल को 39.50 लाख रुपये की रिकवरी चार्जशीट देकर सारे मामले का रुख मोड़ दिया गया है। मामले की जांच के दौरान सभी आरोपित एक-दूसरे को इस अनियमितता के लिए दोषी बता रहे हैं। यही नहीं वरिष्ठ सहायक ने तत्काीलन निदेशक के साथ तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव आयुर्वेद को भी लपेटे में लेते हुए मुख्यमंत्री को शिकायत पत्र लिखा था।
विधि विभाग ने मांगे एग्रीमेंट के कागजात
आयुर्वेद विभाग ने इस मामले में राय लेने के लिए विधि विभाग को पत्र लिखकर राय मांगी थी। इस संबंध में विधि विभाग ने एक माह बीतने के बाद अब आयुर्वेद विभाग को पत्र लिखकर जैम पोर्टल से की गई आयुर्वेदिक उपकरणों की खरीद के एग्रीमेंट के कागजात मांगे हैं। इन कागजातों को जांचने के बाद विधि विभाग राय देगा।