सियासत का फेर, थमी शिक्षा की रफ्तार
दशकों से औपचारिकताओं के फेर में फंसे केंद्रीय विश्वविद्यालय शिलान्यास का मामला अब नए वर्ष तक भी लटकता नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री ने इसी माह नवंबर या दिसंबर में सीयू के शिलान्यास की बात कही थी, लेकिन अब शिक्षा मंत्री की सीयू की बैठक में इसके शिलान्यास की अवधि मार्च तक तय की है।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : वर्षो से औपचारिकताओं के फेर में फंसे केंद्रीय विश्वविद्यालय के शिलान्यास का मामला अब नए वर्ष तक भी लटकता नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री ने नवंबर या दिसंबर में सीयू के शिलान्यास की बात कही थी, लेकिन शिक्षामंत्री ने इसकी अवधि मार्च 2019 तय की है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर कब धर्मशाला व देहरा में सीयू के प्रस्तावित भवन का शिलान्यास होगा।
शिक्षामंत्री सुरेश भारद्वाज ने शनिवार को धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण से जुड़े कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 27 दिसंबर तक सीयू के शिलान्यास से संबंधित औपचारिकताएं पूरी करें। निर्देश दिए कि सात दिसंबर से पहले जदरांगल में प्रस्तावित भूमि के एफसीए का मामला केंद्र को भेजा जाए। कहा कि 27 दिसंबर या इसके उपरांत किसी भी दिन सीयू भवन के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री से आग्रह किया जाएगा। मंत्री ने बताया कि सीयू के लिए कुल 417 हेक्टेयर भूमि चिह्नित की जा चुकी है। 303 हेक्टेयर भूमि जदरांगल तो 114 हेक्टेयर भूमि देहरा में है। जदरांगल में 24 हेक्टेयर भूमि सीयू के नाम हस्तांतरित की जा चुकी है और देहरा में भी 34 हेक्टेयर भूमि विवि के नाम कर दी गई है। देहरा की शेष 84 हेक्टेयर भूमि का वन स्वीकृति का मामला केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को भेजा है तथा सीयू और प्रदेश वन विभाग के अधिकारी दिल्ली में इस मामले की पैरवी करेंगे। मंत्री ने जदरांगल में चिह्नित जमीन की निशानदेही कर निर्माण से जुड़ी औपचारिकताएं 15 दिसंबर तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक में सचिव शिक्षा डॉ. अरुण शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत, अतिरिक्त उपायुक्त केके सरोच, अतिरिक्त •िाला दंडाधिकारी मस्त राम भारद्वाज, केंद्रीय विवि के रजिस्ट्रार, वन विभाग के उच्चाधिकारी, एसडीएम धर्मशाला एवं देहरा सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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बजट का हो सदुपयोग
मंत्री ने योजनाओं के कार्यान्वयन एवं विकास गतिविधियों की प्रगति की समीक्षा की भी। बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरकार योजनाओं के तहत विभागों को जो बजट दे रही है उसका सदुपयोग हो। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की बैठकें एवं जनमंच कार्यक्रम विकास कार्यों में गति लाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।