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नहीं थमा डायरिया, 10 और मामले

ज्वालामुखी की खुंडिया तहसील के अलूहा पंचायत के गांव अप्पर भौरन के गत दिनों फैले डायरिया से क्षेत्र के 25 इसकी चपेट में आए हैं। प्रांरभिक तौर पर जल शक्ति विभाग और पंचायत स्तर पर यही तर्क दिया जा रहा है कि गांव के बाबड़ियों का पानी पीने से लोग इसकी चपेट में आए हैं और बाबड़ियों को पानी दूषित था। विभाग अभी तक ये बात स्पष्ट करने की कन्नी काट रहा है कि क्षेत्र में डायरिया फैला है। डायरिया से ग्रस्त हुए लोगों के इसमें 23 लोगों की स्वास्थ्य का सामान्य है और टिहरी स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है लेकिन की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें सिविल अस्पताल ज्वालामुखी भेज दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 08:31 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 08:31 PM (IST)
नहीं थमा डायरिया, 10 और मामले
नहीं थमा डायरिया, 10 और मामले

संवाद सूत्र, सपड़ी : खुंडियां तहसील के तहत अलुहा पंचायत के गांव अप्पर भौरन में डायरिया थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या 15 थी और अब 10 नए मामले सामने आए हैं।

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पंचायत सदस्यों का यही तर्क है कि बावड़ियों का पानी पीने से ही लोग डायरिया की चपेट में आए हैं। जल शक्ति विभाग अभी तक यह स्पष्ट करने से कन्नी काट रहा है कि क्षेत्र में डायरिया कैसे फैला है। डायरिया से पीड़ित लोगों में से 23 का स्वास्थ्य सामान्य है और टिहरी स्वास्थ्य केंद्र में उनका इलाज किया जा रहा है। शेष गंभीर लोगों को सिविल अस्पताल ज्वालामुखी भेज दिया है। उधर, जल शक्ति विभाग खुंडियां के सहायक अभियंता देशराज धीमान ने बताया कि उन्हें ऐसी शिकायत मिली थी और कुछ कर्मियों ने गांव में जाकर बावड़ी के पानी के सैंपल लिए हैं और उन्हें टेस्ट के लिए लैब भेजा है व रिपोर्ट आनी शेष है। उन्होंने बताया कि बावड़ी की क्लोरीनेशन भी कर दी है। भोरन गांव के वार्डपंच मदन के अनुसार, गांव में 2 बावड़ियां और एक कुआं है। ज्यादातर लोग एक बावड़ी का पानी प्रयोग करते हैं। उधर, अलुहा के प्रधान दिलीप सिंह ने कहा कि उन्होंने वार्डपंच के साथ गांव का दौरा किया है। सभी लोगों को पानी उबालकर पीने की सलाह दी है।

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क्या है डायरिया

डायरिया यानी आंत्रशोथ को दस्त के रूप में भी जाना जाता है। यह एक बीमारी है जो आपको सामान्य की तुलना में अधिक शिथिल या अधिक मल पास करती है। सामान्य परिस्थितियों में दस्त केवल विशेष चिकित्सा उपचार की आवश्यकता के बिना 2-4 दिन तक रहता है। हालांकि, गंभीर दस्त जीवन के लिए खतरा है। कुपोषित लोगों, शिशुओं, बच्चों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में इस तरह से संक्रमित होने का ज्यादा खतरा रहता है।

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लक्षण

-पानी का मल

-पेट में ऐंठन होना

-मतली और उल्टी

-बुखार

-निर्जलीकरण

-भूख में कमी

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कारण

डायरिया दूषित पानी से होता है। मल पदार्थ के संपर्क में आने से भी डायरिया होता है।

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बचाव

विशेषज्ञ से परामर्श लें और शरीर में पानी की कमी न होने दें। ओआरएस घोल पीएं ताकि शरीर में पानी की कमी दूर हो जाए। सुरक्षित पेयजल का इस्तेमाल करें। व्यक्तिगत स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दें।


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