देशहित में किया काम, रोजगार के साधन भी हों सृजित
सुबह आठ बजे बैजनाथ बस अड्डे से बीड़ के लिए जाने वाली निजी बस अनुराग में सवारियों की आवाजा
सुबह आठ बजे बैजनाथ बस अड्डे से बीड़ के लिए जाने वाली निजी बस अनुराग में सवारियों की आवाजाही शुरू हो चुकी थी। बस में अधिकतर लोग नौकरीपेशा वाले थे। कुछ गांव के लोग भी थे, जो कि किसी न किसी काम से बैजनाथ आते हैं। 8.40 बजे बस ने बीड़ के लिए चलना शुरू किया। मैं भी इस सफर पर जाने और लोगों से चुनाव को लेकर उनके मन में क्या चल रहा है, जानने के लिए बस में चढ़ गया। देखा तो अधिकतर लोग मोबाइल फोन पर ही व्यस्त लगे। ऐसे में कुछ एक मोबाइल से दूर थे तो वह रोजमर्रा की जिदगी के बारे में बात कर रहे थे। बस फिर क्या था। ऐसे ही एक यात्री से सवाल दागा तो उन्होंने अपना नाम कृष्ण चंद बताया। चुनाव को लेकर बात थी तो तपाक से बात को सुनाने लगे। 65 वर्षीय कृष्ण चंद ने कहा कि मोदी सरकार के समय अगर कुछ सही हुआ है तो वह था नोटबंदी का फैसला। अब जो सेना ने पाकिस्तान को जवाब दिया है, वह भी काबिलेतारीफ था। इससे पहले कोई ऐसा फैसला सरकारें नहीं ले सकी थीं। इसके अलावा ऐसे ही कुछ और अहम फैसले सरकार ने लिए थे और सरकार आगे भी देशहित में कार्य करे, इसलिए इस बार भी हमें मौका देना चाहिए। कृष्ण चंद की बात सुनकर उनके बगल में बैठे 55 वर्षीय पुरुषोत्तम कुमार भी उनसे सहमत दिखे पर उनकी मानें तो सरकारों को बेरोजगारों की ओर भी ध्यान देना होगा। इसी बेरोजगारी के कारण युवा पीढ़ी नशे व अन्य बुराइयों की ओर आकर्षित हो रही है। सरकार रोजगार के अवसर भी पैदा करे। इस बीच बस में बैठी महिलाओं से भी चुनाव को लेकर उनके मन की बात जानने की कोशिश की तो आशा ने कहा कि इस सरकार ने कई योजनाएं जनता के लिए दी हैं। उन्होंने बताया कि जनधन योजना बेटियों के लिए अच्छी साबित हुई है। कुछ भ्रष्टाचार करने वाले लोगों या नेताओं के कारण ये योजनाएं कई बार आम जन तक नहीं पहुंच पाती हैं। ऐसे में एक अन्य यात्री से बात की तो उन्होंने अपना नाम रमेश चंद बताया। चुनावी बातों को लेकर उन्होंने कहा कि इससे वह सरोकार नहीं रखते हैं। उनकी मानें तो नेता लोग केवल अपने लिए ही सत्ता करते हैं। जनता को जो सपने वोट लेने से पहले दिखाए जाते हैं वे बाद में पूरे नहीं किए जाते हैं। इसके बाद मोबाइल में गानों की धुन में खोए युवक मुनीष ने सर्जिकल स्ट्राइक को बेहतरीन कदम बताया है। उनकी मानें तो पहली बार किसी सरकार ने सही कदम तो उठाया पर उसे आगे अंजाम तक ले जाने की जरूरत है। एक-दो और युवाओं से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने कहा कि जनाब हम तो बिलिग घूमने आए हैं। सुना है पैराग्लाइडिग के लिए विश्वविख्यात है। लिहाजा घाटी को देखने आए हैं।