धर्मशाला स्टेडियम से हटाई पाकिस्तान की यादें
पुलवामा हमले के बाद देश भर में हो रहे पाकिस्तान के विरोध की ¨चगारी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला तक भी पहुंच गई है। हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) प्रशासन ने स्टेडियम में पाकिस्तान की सभी यादें हटा दीं हैं। हालांकि स्टेडियम में भारत व पाकिस्तान के बाद एक बार ही मैच हुआ है, लेकिन उस मैच के यादें में आज सुबह एचपीसीए प्रशासन ने हटा दी हैं।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : पुलवामा आतंकी हमले के बाद देशभर में हो रहे पाकिस्तान के विरोध की चिंगारी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला तक पहुंच गई है। हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) प्रशासन ने स्टेडियम से पाकिस्तान की सभी यादें हटा दी हैं। हालांकि स्टेडियम में भारत व पाकिस्तान के बीच एक बार ही मैच हुआ है, लेकिन उसकी यादें भी मंगलवार सुबह एचपीसीए प्रशासन ने हटा दी हैं।
धर्मशाला स्टेडियम में 2005 को पहली बार भारत व पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड एकादश की टीम के बीच मैच हुआ था। मैच खेलने के लिए पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर एवं मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान, इंजमाम उल हक, शाहिद आफरीदी, शोएब अख्तर व वसीम अकरम जैसे खिलाड़ी धर्मशाला आए थे। इन्होंने धर्मशाला स्टेडियम की तारीफ की थी और कई फोटो भी ली थीं। यह यह स्टेडियम का पहला बड़ा मैच था, क्योंकि उस समय ही स्टेडियम का निर्माण कार्य पूरा हुआ था। मैच के बाद स्टेडियम के प्रशासनिक कार्यालयों और मुख्य रूप से म्यूजियम में पाकिस्तान के मैच की कई तस्वीरें लगाई थीं। एचपीसीए के महाप्रबंधक कर्नल मन्हास ने कहा कि हम शहीदों की शहादत को नहीं भूला सकते हैं। कहा कि हमारे लिए पहले शहीद पहले हैं और मैच उसके बाद हैं। उन्होंने कहा कि आतंकियों को आश्रय देने वाले पाकिस्तान की स्टेडियम में कोई भी याद नहीं रखी जाएगी।