एक समय मैगी खाकर गुजारे 72 दिन
मुनीष गारिया, धर्मशाला समुद्री लुटेरे खाने के लिए दिन में मात्र एक समय ही मैगी देते थे..बाक
मुनीष गारिया, धर्मशाला
समुद्री लुटेरे खाने के लिए दिन में मात्र एक समय ही मैगी देते थे..बाकी यातनाओं की तो बात ही छोड़ दीजिए। लुटेरों की कैद में बिताए 72 दिन को ताउम्र नहीं भूला पाएंगे। यह दास्तान है नाइजीरिया में बंधक बनाए गए कांगड़ा जिले के सुगनाड़ा निवासी ग्रुप कैप्टन सुशील धीमान, मलोग निवासी अजय कुमार व रढ़ निवासी पंकज कुमार की।
तीनों युवकों के अनुसार, 31 जनवरी को जब वे दक्षिण अफ्रीका के बेनिन से जहाज लेकर नाइजीरिया पहुंचे तो उन्हें हथियारों से लैस 15 समुद्री लुटेरों ने घेर लिया और बंधक बनाकर घने जंगल में ले गए। जंगल में 72 दिन तक रोजाना केवल एक समय ही मैगी बनती थी और इसकी मात्रा इतनी कम होती थी कि पेट भी नहीं भरता था, लेकिन बड़ी मुश्किल से दिन गुजारे हैं। युवकों के अनुसार, लुटेरे रोजाना यातनाएं देते थे और कभी-कभी तो हवा में फायर कर डराते भी थे। युवक बताते हैं कि घरवालों से बात करवाकर फिरौती के 22 लाख रुपये देने का दबाव भी लुटेरे बनाते थे। भावुक होकर बताते हैं कि पहले तो लुटेरे परिजनों से बात करवाते थे, लेकिन 28 मार्च के बाद जब घरवालों से बात करवानी बंद कर दी तो ऐसा लग रहा था कि अब जीवित घर नहीं लौटेंगे। वहीं, तीनों युवक रविवार सुबह बगलामुखी मंदिर में शीश नवाकर घर पहुंचे। मंदिर में परिजनों के साथ प्रशासन की ओर से नगरोटा बगवां के तहसीलदार भी मौजूद रहे। सुशील धीमान रविवार सुबह 7.45 बजे भाई अमित और विनय के साथ सुगनाड़ा स्थित घर पहुंचे। यहां उनसे मिलने के लिए जवाली के विधायक अर्जुन ठाकुर भी आए थे। मलोग निवासी अजय कुमार भी आठ बजे घर पहुंचे तो मा कमला देवी, पिता रमेश चंद, पत्नी निरंजना देवी और दोनों बेटियो मुस्कान व वर्षा ने आरती उतारकर स्वागत किया। रढ़ निवासी अजय कुमार को घर छोड़ने के लिए नगरोटा बगवां के विधायक अरुण कुमार भी आए थे। वह साढ़े आठ बजे घर पहुंचे और परिजनों ने भव्य स्वागत किया।