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नूरपुर बस हादसा: स्कूल प्रबंधन सहित तीन के खिलाफ केस दर्ज

पुलिस ने सभी लोगों के बयान दर्ज करने के बाद पीड़ित परिवारों को आश्वस्त किया कि मामले में निष्पक्षता से काम किया जाएगा और जो आरोपित होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

By Edited By: Published: Mon, 04 Jun 2018 06:52 AM (IST)Updated: Mon, 04 Jun 2018 09:23 AM (IST)
नूरपुर बस हादसा: स्कूल प्रबंधन सहित तीन के खिलाफ केस दर्ज

नूरपुर, जेएनएन।  नूरपुर में स्कूली बच्चों की बस के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले में प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी है। पुलिस ने रविवार को स्कूल प्रबंधन, शिकायतकर्ता मंगत राम व ट्रक मालिक अक्षय के खिलाफ केस दर्ज किया है। मलकवाल-ठेहड़ मार्ग पर चेली गांव में हुए बस हादसे की जांच पर पीड़ित परिवारों की ओर से उच्च न्यायालय में उठाए सवाल के बाद हाई कोर्ट ने जिला प्रशासन को मामले की जाच दोबारा करने के आदेश दिए थे।

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इस संबंध में जिला प्रशासन पीड़ित परिवारों से मिला था। रविवार को डीएसपी नूरपुर नवदीप सिंह ने स्कूल प्रबंधन, बस मालिक, बस के पुराने चालक, ट्रक मालिक व एफआइआर करवाने वाले मंगत राम से दोबारा पूछताछ की। इस दौरान पीड़ित परिवारों की अगुवाई कर रहे विक्रम पठानिया ने भी सवालों के घेरे में रहे लोगों से सवाल जवाब किए। पीड़ित परिवारों ने मंगत राम की ओर से दर्ज करवाई एफआइआर पर भी सवाल उठाए। जब मंगत राम की पुलिस ने स्टेटमेंट ली तो उसने साफ किया कि वह हादसे के समय घटनास्थल पर मौजूद नहीं था बल्कि पौने पांच बजे पहुंचा था। पुलिस ने उसके बयान भी दर्ज किए।

कागजों में स्कूल बस 2013 मॉडल की बताई जा रही थी। पुलिस ने जब बस के पुराने चालक सोनू की स्टेटमेंट ली तो उसने बताया कि उक्त बस 2012 से 2015 तक चलाई है जबकि 2012 से पहले भी कोई अन्य व्यक्ति इसे चलाता था। पुलिस ने सभी लोगों के बयान दर्ज करने के बाद पीड़ित परिवारों को आश्वस्त किया कि मामले में निष्पक्षता से काम किया जाएगा और जो आरोपित होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विक्रम पठानिया ने पत्रकारों को बताया कि चेली बस हादसे में जो भी अभी तक तथ्य पेश किए गए हैं वे झूठे साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि जाच में अब यह साबित हो चुका है कि बस हादसे की एफआइआर झूठी थी। एफआइआर में यह दर्शाया गया है कि 2.30 बजे के करीब मंगत राम ने बयान दिए थे, जबकि मंगत राम ने पुलिस को स्टेटमेंट दी है कि वह सायं पौने पांच बजे घटनास्थल पर गया था।

विक्रम ने कहा कि बस रिकॉर्ड में 2013 मॉडल की थी लेकिन बस चालक के बयान से यह साबित हो चुका है कि गाड़ी 2012 से पहले की थी। विक्रम ने कहा कि जिस जगह बस गिरी थी वहां एक दुर्घटनाग्रस्त ट्रक पड़ा था लेकिन मालिक ने उठाया नहीं था। बीमा कंपनी की ओर से पुलिस को दी गई स्टेटमेंट से यह भी साबित हुआ है कि दुर्घटनाग्रस्त ट्रक मालिक ने ही उठाना था। विक्रम ने पुलिस प्रशासन से माग की है कि इन सभी तथ्यों के आधार पर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। डीएसपी नवदीप सिंह ने बताया कि बस की चेसी की जांच के लिए फोरेंसिक टीम को बुलाया गया है।

10 अप्रैल को हुआ था हादसा नूरपुर के निजी स्कूल बजीर राम सिंह पठानिया की बस 10 अप्रैल को छुट्टी के बाद बच्चों को घर छोड़ने जा रही थी। इस दौरान चेली गांव में गाड़ी अनियंत्रित होकर 400 मीटर गहरी खाई में गिर गई थी। हादसे में 24 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हो गई थी।


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