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सील हो सकता है फतेहपुर का निजी अस्पताल

रैहन के परड़ूही गांव के कर्म चंद के साथ हुए अन्याय का मामला दैनिक जागरण ने 11 अगस्त के अंक में पेट फाड़कर तड़पता छोड़ दिया मरीज शीर्षक से उठाया था।

By Edited By: Published: Wed, 15 Aug 2018 08:01 AM (IST)Updated: Thu, 16 Aug 2018 12:56 PM (IST)
सील हो सकता है फतेहपुर का निजी अस्पताल
सील हो सकता है फतेहपुर का निजी अस्पताल

धर्मशाला, जेएनएन। रैहन के कर्मचंद को पेट फाड़कर तड़पता छोड़ने वाला फतेहपुर उपमंडल का एक निजी अस्पताल सील हो सकता है। इस बाबत स्वास्थ्य मंत्री ने विभाग और पुलिस प्रशासन को कहा है कि अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करें और अगर खामियां पाई जाती हैं तो सील करें। स्वास्थ्य मंत्री विपिन ¨सह परमार मंगलवार को जैसे ही रैहन पहुंचे तो लोगों ने उनके समक्ष उक्त निजी अस्पताल का मामला उठाया। इस पर मंत्री ने वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरएस राणा और पुलिस अधीक्षक कांगड़ा संतोष पटियाल से मामले की जानकारी ली।

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मंत्री ने सीएमओ से कहा कि अस्पताल का दौरा करें और जरूरत पड़ती है तो इसे सील भी कर दें। इसके साथ ही पुलिस प्रशासन को कहा है कि पीड़ित और उसके परिजनों के बयान लेकर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज करें। रैहन के परड़ूही गांव के कर्म चंद के साथ हुए अन्याय का मामला दैनिक जागरण ने 11 अगस्त के अंक में 'पेट फाड़कर तड़पता छोड़ दिया मरीज' शीर्षक से उठाया था। इस पर संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कर्म चंद के इलाज की जिम्मेदारी उठाई थी। अब सरकार ने दैनिक जागरण की खबर पर संज्ञान लेते हुए उक्त अस्पताल को सील करने के निर्देश दिए हैं।

यह था मामला

रैहन के परड़ूही गांव के कर्म चंद को अचानक पेट में दर्द हुआ तो परिजन उसे 11 जुलाई को उपमंडल नूरपुर के एक निजी अस्पताल ले गए। यहां चिकित्सकों ने ऑपरेशन कर दिया और टांके खोलकर घर भेज दिया लेकिन कर्म चंदे रात को सो नहीं पाया। जहां ऑपरेशन के लिए चीरा लगाया था वहां से पेट खुल गया था। पेट से निकल रहे पानी से बिस्तर गीला हो गया था। दूसरे दिन परिजन कर्म चंद को दोबारा निजी अस्पताल ले आए। 10-12 दिन तक वहां दाखिल रखा लेकिन जब चिकित्सकों के हाथ खडे़ हो गए तो परिजनों को बताया कि इन्हें टांडा रेफर किया जा रहा है। परिवार के सदस्यों के साथ निजी अस्पताल के एक डॉक्टर ने कर्मचंद को टांडा अस्पताल में भर्ती करवाया। 25 जुलाई से कर्म चंद टांडा मेडिकल कॉलेज में भर्ती है। दिहाड़ी लगाने वाले कर्मचंद के स्वास्थ्य कार्ड की लिमिट निजी अस्पताल में ही समाप्त हो चुकी है। अब वह केवल सरकार के सहारे है। पेट में पड़ी पस को सुखाने के लिए टांडा के सर्जरी वार्ड में कर्म चंद को हर तीसरे दिन पांच हजार रुपये का इंजेक्शन लगाया जा रहा है।  

'स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों के अनुसार उक्त अस्पताल का दौरा किया है। अस्पताल के रिकार्ड को सील किया है। खामियां पाई जाने पर अस्पताल को सील भी कर सकते हैं।'

-डॉ. आरएस राणा, सीएमओ कांगड़ा


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