पत्नी के हत्यारे को आजीवन कारावास
पत्नी की निर्मम हत्या करने वाले आरोपित पति के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने दोषी को आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को दो माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : पत्नी की निर्मम हत्या करने वाले पति के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने उसे आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को दो माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
उक्त जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी स्टेट विजीलेंस भुवनेश मिन्हास ने बताया कि रत्न लाल निवासी गांव बगण तहसील बलौर जिला कठुआ जम्मू अपनी पत्नी श्रेष्ठा देवी व दो बच्चों एक बेटा व एक बेटी के साथ वार्ड नंबर दो इंदौरा में तरसेम लाल के यहां किराये पर रहता था। रत्न लाल अपनी पत्नी के चरित्र पर शक करता था और अक्सर दोनों के बीच इसी बात को लेकर लड़ाई-झगड़े होते रहते थे। इसके चलते रत्न लाल अपनी पत्नी व बच्चों को छोड़ अन्यत्र रहने लगा था। नौ नवंबर 2016 रात करीब 11:30 बजे रत्न लाल अपने कमरे की खिड़की की जाली तोड़कर अंदर घुसा, इस दौरान अंदर उसकी पत्नी व दो बच्चे सो रहे थे। इस दौरान पहले दोनों के बीच लड़ाई-झगड़ा हुआ और बाद में रत्न लाल ने चाकू निकालकर श्रेष्ठा की छाती पर बार कर दिए।
घायल श्रेष्ठा बाहर निकली और मकान मालिक तरसेम के पास पहुंची। इसी बीच रत्न लाल मौके से फरार हो गया। घायल श्रेष्ठा को मकान मालिक तरसेम कुमार ने पहले पीएचसी इंदौरा पहुंचाया, जहां से उसे पठानकोट रेफर कर दिया गया। वहीं रत्न लाल के खिलाफ पुलिस थाना इंदौरा के शिकायत दर्ज करवाई गई। पठानकोट में 10 नवंबर को पुलिस ने श्रेष्ठा देवी के बयान दर्ज किए और 11 नवंबर को उसकी मौत हो गई।
रत्न लाल की गिरफ्तारी के बाद न्यायालय में पहुंचे केस में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 24 गवाह पेश किए गए। गवाहों की बयानों के आधार पर दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने दोषी रत्न लाल को उम्रकैद और जुर्माना की सजा सुनाई है।