सलाखों के पीछे होंगे भ्रष्ट सचिव
हिमाचल सहकारिता आंदोलन का पूरे देश के लिए प्रणेता राज्य रहा है। लेकिन पिछले काफी अरसे से सहकारिता में भ्रष्टाचार का घुन लग गया है। कई सोसायटियों में करोड़ों के घोटाले हो गए हैं। इनके सचिव संस्थाओं की सत्ता के बड़े केंद्र के तौर पर तो उभरे ही हैं, कई भ्रष्ट भी हो गए हैं। प्रदेश सरकार अब भ्रष्ट सचिवों, सहायक सचिवों, प्रबंधन कमेटियों पर कड़ा शिकंजा कसेगी। घोटाले की आरोपों की विभागीय जांच होगी। भर्ती, प्रबंधन में भाई भतीजावाद को खत्म करेगी। ऊना के कटोर सोसायटी में साढ़े आठ करोड़ के घोटाले, सोलन के राजपुरा में हुए करोड़ों की धांधलियों समेत उस सचिव की भी जांच करवाएगी, जिन पर जाली सर्टिफिकेट हासिल करने के आरोप हैं। यह ऐलान सहकारि
राज्य ब्यूरो, धर्मशाला : हिमाचल सहकारिता आंदोलन का देश के लिए प्रणेता राज्य रहा है लेकिन पिछले काफी अरसे से सहकारिता में भ्रष्टाचार का घुन लग गया है। कई सोसायटियों में करोड़ों के घोटाले हुए हैं। इनके सचिव संस्थाओं की सत्ता के बड़े केंद्र के तौर पर तो उभरे ही हैं तो कई भ्रष्ट भी हो गए हैं। प्रदेश सरकार अब भ्रष्ट सचिवों, सहायक सचिवों व प्रबंधन कमेटियों पर शिकंजा कसेगी। घोटाले के आरोपों की विभागीय जांच होगी। सरकार भर्ती व प्रबंधन में भाई- भतीजावाद को खत्म करेगी। ऊना की कटोर सोसायटी में साढ़े आठ करोड़ के घोटाले व सोलन के राजपुरा में हुए करोड़ों की धांधलियों समेत उस सचिव की भी जांच करवाएगी, जिन पर जाली सर्टिफिकेट हासिल करने के आरोप हैं। यह बात सहकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने सदन में कही। वह चिंतपूर्णी के विधायक बलबीर सिंह के गैरसरकारी संकल्प का जवाब दे रहे थे। मंत्री के अनुसार, सरकार सचिवों व सहायक सचिवों की नियुक्तियों में प्रशिक्षण के 10 अंक समाप्त करेगी। प्रोफेशनल ऑडिटर से ऑडिट करवाएगी। तीन से छह माह के भीतर ऑडिट करवाए जाएंगे। इन लेखों को सार्वजनिक किया जाएगा। 200 से अधिक ऑडिटरों की भर्ती करेगी। फर्जी सर्टिफिकेट की भी जांच होगी। निदेशालय में भ्रष्टाचाररोधी उड़नदस्ते गठित होंगे।
कहां हुए घोटाले
विधायक बलवीर सिंह का आरोप था कि कटोर में पहले 4 करोड़ 24 लाख रुपये का घोटाला हुआ। बाद में इसकी रकम बढ़कर 8 करोड़ 50 लाख हो गई। सचिव ने सोसायटी में भाई-भतीजावाद फैलाया था और बाद में उसने आत्महत्या कर ली। शक जताया कि इसमें किसी और के शव को जलाया गया। अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष की भाभी को सोसासटी में रखा। विधायक ने उसकी डिग्री पर सवाल उठाए। भर्ती में योग्य को नकार दिया। सचिव ने सड़क किनारे 84 लाख की जमीन खरीदी। बाद में 2.11 करोड़ में बेच दी। उन्होंने कहा कि विजिलेंस कहां है? एक जगह पूर्व मंत्री के साले को भी सोसायटी में रखा। विधायक जीत राम कटवाल ने भी कई सोसायटी के कामकाज को नियमों के खिलाफ करार दिया। उन्होंने कहा, जिस सचिव ने आत्महत्या की उसके घर के दरवाजे भी रिमोट कंट्रोल से खुलते थे। सचिवों को डेढ़ लाख वेतन कैसे दिया जाता है। इतनी तनख्वाह तो आइएएस अफसर की भी नहीं होती है।
राजपुरा में भी करोड़ों का घोटाला
नालागढ़ के विधायक ने आरोप लगाया कि राजपुरा में भी करोड़ों का घोटाला हुआ। अब सरकार इस मामले में संस्था की संपति जब्त करे। जमीन की बोली 80 लाख में हुई भी थी पर इसे बाद में रोक दिया गया। विधायक राकेश जम्वाल ने सहकारी काउंसिल गठित करने की मांग की। कांग्रेस विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मांग की कि आरोप लगाने वाले विधायक दस्तावेज सदन के पटल पर रखें। इस पर विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा उस समय वे मंत्री थे। कहा कि मेरा न साला है और न मैंने घोटाला किया है। पूर्व से पूर्व में कोई रहा होगा। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मुकेश ने स्पष्ट कर दिया है कि वह नहीं हैं।