कसौली गोलीकांड में बड़ी कार्रवाई एसपी समेत पांच निलंबित
सोलन जिले के कसौली गोलीकांड में प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है जिसमें पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है व 14 अधिकारियों व कर्मचारियों को चार्जशीट किया गया है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। सोलन जिले के कसौली में पहली मई को अवैध निर्माण हटवाने के दौरान हुए गोलीकांड पर वीरवार को प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने मंडलायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर सोलन के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक समेत पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया जबकि 14 अधिकारियों व कर्मचारियों को चार्जशीट किया गया है। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में इन पर कार्रवाई की मुहर लगी। कानून-व्यवस्था की स्थिति पर डीजीपी सीताराम मरडी को भी मंत्रियों की फटकार सुननी पड़ी।
कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति का मसला उठने व कसौली गोलीकांड की जिक्र आने पर कई मंत्री डीजीपी पर टूट पड़े। उन्होंने महिला अधिकारी शैलबाला और लोक निर्माण विभाग के बेलदार गुलाब सिंह की हत्या के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। मंत्रियों ने डीजीपी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट पर चर्चा हुई, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया। दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों को चार्जशीट व सस्पेंड करने को मंजूरी दे दी गई।
इन पर निलंबन की गाज
सोलन के पूर्व एसपी मोहित चावला, परवाणू के तत्कालीन डीएसपी रमेश शर्मा, कसौली के पूर्व एसएचओ दिलीप सिंह, धर्मपुर के पूर्व एसएचओ मदन ठाकुर, कसौली के मौजूदा नायब तहसीलदार जगपाल सिंह को निलंबित किया गया है। इनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज नहीं होगा।
इन्हें किया गया चार्जशीट
सरकार ने 14 अधिकारियों और कर्मचारियों को चार्जशीट कर दिया है। इसमें पूर्व एसपी, पूर्व डीएसपी, दो पूर्व एसएचओ, एक नायबतहसीलदार के अलावा हेड कांस्टेबल नागेंद्र पुलिस चौकी सायरी, एचएचसी हेमंत पुलिस थाना दाड़लाघाट, कांस्टेबल संजीव कुमार थाना धर्मपुर, कांस्टेबल सुनील थाना धर्मपुर, महिला कांस्टेबल चंपा थाना धर्मपुर, कांस्टेबल ऊषा थाना धर्मपुर, कांस्टेबल शारदा थाना धर्मपुर, कांस्टेबल ईश्वर पुलिस लाइन सोलन, कांस्टेबल नरेंद्र पुलिस लाइन सोलन शामिल हैं।
क्या था मामला
सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर कसौली के होटलों का अवैध निर्माण हटवाने गई सहायक नगर नियोजन अधिकारी शैलबाला पर होटल व्यवसायी ने गोलियां दाग दी थीं। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि लोक निर्माण विभाग का बेलदार गुलाब सिंह जख्मी हो गया था। बाद में उसकी पीजीआइ में मौत हो गई थी। पुलिस मौके पर मौजूद थी लेकिन न तो गोली चलाने के आदेश दिए और न ही पुलिसकर्मियों ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाई। बाद में आरोपित को उत्तर प्रदेश के वृंदावन से गिरफ्तार किया गया था। मंडलायुक्त ने की थी जांच मामले की जांच मंडलायुक्त दिनेश मल्होत्रा ने की थी।133 पन्नों की रिपोर्ट में पुलिस व प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। उन्होंने करीब 20 अधिकारियों, कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की सिफारिश की थी।
कोटखाई मामले में आइजी, एसपी, डीएसपी हुए थे सस्पेंड
इससे पूर्व शिमला जिले के कोटखाई के दुष्कर्म व हत्या मामले से जुड़े सूरज हत्याकांड में तत्कालीन आइजी जैड एच जैदी, शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी, ठियोग के पूर्व डीएसपी मनोज शर्मा समेत 9 पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया था। मंडलायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने कार्रवाई कर दी है। 14 अधिकारी और कर्मचारी चार्जशीट किए गए हैं। इनमें से तत्कालीन एसपी, डीएसपी, दो एसएचओ समेत पांच अधिकारियों को सस्पेंड भी कर दिया है।
-बीके अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह)