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दलाईलामा धर्मशाला में कर सकते हैं कालचक्र पूजा

विश्व विख्यात धार्मिक व पर्यटन नगरी में कालचक्र पूजा का आयोजन निकट समय में हो सकता है। दलाईलामा ने धर्मशाला में कालचक्र पूजा के आयोजन को लेकर अपनी सहमति जताई है। बकौल दलाईलामा अगर उनका स्वास्थ्य ठीक रहता है तो वह यहां पर कालचक्र पूजा के आयोजन का विचार करेंगे। दलाईलामा की सहमति के बाद ध

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 05:57 PM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 05:57 PM (IST)
दलाईलामा धर्मशाला में कर सकते हैं कालचक्र पूजा
दलाईलामा धर्मशाला में कर सकते हैं कालचक्र पूजा

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : पर्यटन नगरी धर्मशाला में निकट भविष्य में कालचक्र पूजा का आयोजन हो सकता है। तिब्बती समुदाय के आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाईलामा ने धर्मशाला में आयोजन के संबंध में सहमति जताई है। उनका कहना है कि अगर स्वास्थ्य ठीक रहता है तो वे कालचक्र पूजा पर विचार करेंगे। धर्मशाला में इससे पहले कभी भी कालच्रक पूजा नहीं हुई है। सोमवार को डीसी कांगड़ा संदीप कमार के नेतृत्व में मैक्लोडगंज के होटल कारोबारियों सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने दलाईलामा से मुलाकात की और धर्मशाला में कालच्रक पूजा करवाने के लिए प्रार्थना की। होटल एवं रेस्तरां एसोसिएशन ने दलाईलामा को अवगत करवाया कि धर्मशाला में कालचक्र पूजा के लिए पुलिस मैदान उपयुक्त जगह है। कालचक्र पूजा को बौद्ध श्रद्धालुओं का महाकुंभ कहा जाता है। इस प्रार्थना की अगुवाई दलाईलामा ही करते हैं और इसमें देश-विदेश से लोग हिस्सा लेते हैं। इससे पहले 34वीं कालचक्र पूजा बौद्ध तीर्थस्थल बोधगया में हुई थी।

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क्या है कालच्रक पूजा

बौद्ध धर्म में कालचक्र पूजा विश्व शांति के लिए अद्भुत प्रार्थना मानी जाती है और इसे कालचक्रयान नाम से भी जाना जाता है। कालचक्र पूजा से शांति, करुणा, प्रेम और अ¨हसा की भावना को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जाता है। प्रसिद्ध तिब्बती विद्वान तारानाथ के अनुसार, भगवान बुद्ध ने चैत्र मास की पूर्णिमा को श्रीधान्यकटक के महान स्तूप के पास कालचक्र का ज्ञान प्रसारित किया था। उन्होंने इसी स्थान पर कालचक्र मंडलों का सूत्रपात भी किया था। कालचक्र पूजा का सामाजिक पक्ष भी है। इस पूजा के मूल में मानवता की भावना निहित है। कालचक्र पूजा में भाग लेने के लिए जाति व धर्म का कोई बंधन नहीं है। विश्व कल्याण, सत्य, शांति, अ¨हसा, दया, करुणा व क्षमा जैसे मानवीय मूल्यों की स्थापना के लिए कालचक्र पूजा विशेष महत्व रखती है। कालचक्र अनुष्ठान के लिए देश-दुनिया के लोग जाति और धर्म का भेदभाव मिटाकर एकजुट होते हैं। दलाईलामा से धर्मशाला में कालचक्र पूजा के लिए आग्रह किया है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि स्वास्थ्य ठीक होने पर इस बाबत विचार करेंगे।

-संदीप कुमार, डीसी कांगड़ा अगर कालचक्र पूजा होती है तो धर्मशाला को विश्वभर में और ख्याति मिलेगी। साथ ही धार्मिक पयर्टन को भी बढ़ावा मिलेगा।

-अश्वनी बांबा, अध्यक्ष होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन इन्होंने की मुलाकात

डीसी कांगड़ा संदीप कुमार, नगर निगम धर्मशाला के उपमहापौर ओंकार नैहरिया, होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन धर्मशाला के अध्यक्ष अश्वनी बांबा, संजीव गांधी महासचिव, दिनेश कपूर उपप्रधान, विशाल नेहरिया संयुक्त सचिव, अशोक पठानिया कार्यकारी सदस्य, राजेश संगरी सलाहकार, सु¨रदर शर्मा, विवेक महाजन, अनुराग धीमान, विकास नेहरिया, करम चंद अध्यक्ष भागसू टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन मैक्लोडगंज, देशराज अध्यक्ष ऑटो ऑपरेटर्स यूनियन मैक्लोडगंज, कृष्ण महादेव गर्वित व्यापार मंडल मैक्लोडगंज, एमएम बेदी, न¨रदर जम्वाल, राज कुमार, राकेश शर्मा अध्यक्ष रोटरी क्लब, बीके शर्मा, होशियार ¨सह धर्मशाला टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन, एससी धीमान अध्यक्ष जन चेतना व रविंद्र राणा अध्यक्ष गोरखा एसोसिएशन ने दलाईलामा से मुलाकात की।


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