बीमार नहीं, बीमारी से हो लड़ाई
जागरण संवाददाता धर्मशाला क्षेत्रीय अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बनाए जाने को लेकर विरोध के स्वरों के बीच ज्यादातर लोग इसके पक्षधर भी हैं।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला को कोविड-19 अस्पताल बनाए जाने के पक्ष में कई लोग आगे आ रहे हैं। लोग दलील दे रहे हैं कि मानवता के लिए सभी का साथ जरूरी है, तभी बात बनेगी। जो हमारे अपने हैं क्या उन्हें इन हालात में कहीं ऐसी जगह पर छोड़ा जा सकता है जहां पर उन्हें उचित स्वास्थ्य सुविधाएं ही मुहैया न हों। लोगों का सकारात्मक पक्ष यह भी है कि हर मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए बल्कि बीमारी से लड़ने के लिए आगे आना चाहिए। एकजुटता से ही कोरोना को हराया जा सकता है। हालांकि कुछ लोग कोविड अस्पताल का विरोध कर रहे हैं, लेकिन यह भी सच है कि बाद में उसी विकास को वे लोग भी सराहते रहे हैं। कुछ लोगों की मुहिम कोविड-19 अस्पताल को यहां से बाहर ले जाने के लिए भले ही हो, लेकिन वास्तविकता यह भी है कि अगर यहां पर यह अस्पताल बनता है तो स्वास्थ्य के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।
दैनिक जागरण से बातचीत में शहर के युवा वर्ग सहित वरिष्ठ लोगों ने भी कोविड-19 अस्पताल को लेकर अपनी सहमति प्रदान की है। उनके पक्ष का सकारात्मक पहलू यह है कि भले ही इसे कोविड अस्पताल बनाया जाए, लेकिन इसके साथ सरकार व प्रशासन धर्मशाला में कहीं आसपास एक ऐसी व्यवस्था भी बनाए जहां पर ओपीडी सहित आपातकालीन सेवाओं का लाभ भी लोगों को मिल सके। क्या कहते हैं लोग
क्षेत्रीय अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बनाए जाने के फैसले का स्वागत है। सुचारू रूप से ओपीडी भी चलें, इसके लिए प्रशासन आसपास ही कहीं पर व्यवस्था बनाए। ताकि ओपीडी सहित आपातकालीन सुविधा भी लोगों को मिल सके। हम इस निर्णय को लेकर सरकार व प्रशासन के साथ हैं।
गुरविद्र सिंह भुल्लर, भाजपा जिला कार्यकारिणी सदस्य। बीमारी से सभी को लड़ना पड़ेगा। इससे कोई भाग नहीं सकता। लोगों को कहीं पर कोई असुविधा न हो इसके लिए कहीं ओर जगह पर ओपीडी चलाने की व्यवस्था होनी चाहिए। कोविड-19 अस्पताल का विरोध करना उचित नहीं है, हम सभी को इस कार्य में अपना सहयोग देने की जरूरत है।
डॉ. युगल किशोर डोगरा, सेवानिवृत्त प्रोफेसर। कोविड-19 अस्पताल का विरोध करने वाले लोगों की हम निदा करते हैं। ऐसा ही विरोध बैजनाथ में भी हुआ था। अगर सभी लोग विरोध के स्वरों के साथ होंगे तो हम उन अपनों जोकि इस बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें कहां लेकर जाएंगे। यह विरोध करने का नहीं, बल्कि सभी के सहयोग करने का समय है।
ओंकार सिह ताड़ा, भाजयुमो एसटी मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष। युवा होने के नाते मेरा यह संदेश भी समाज के उन लोगों को है जोकि कोविड-19 अस्पताल का विरोध कर रहे हैं। दिक्कत तो कहीं पर किसी के साथ भी हो सकती है, ऐसे में सभी को एक साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहिए न कि विरोध। यह वक्त एक नई सोच के साथ आगे बढ़ने का है।
आशुतोष मेहता, युवा।