साल में दो बार मरम्मत, हालत फिर भी खस्ता
जागरण संवाददाता, कागड़ा : सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग कागड़ा का विश्राम गृह एक साल से बंद है। य
जागरण संवाददाता, कागड़ा : सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग कागड़ा का विश्राम गृह एक साल से बंद है। यहा आने वाले अधिकारी, कर्मचारी व लोगों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है। विश्राम गृह भवन को मरम्मत के नाम पर बंद किया गया है। लेकिन इसके बाद यहा पर कुछ भी नहीं हो रहा है। पहले यहा पर दो कर्मचारी दिन में ड्यूटी देते थे व रात को एक चौकीदार होता था। अब दिन के कर्मचारियों को यह कहकर हटाया गया है कि यहा पर काम ही नहीं है। जबकि कागड़ा-जमानाबाद मार्ग पर बने इस विश्राम गृह में लगातार बुकिंग रहती थी। लेकिन बेहतर फर्नीचर व रखरखाव के अभाव में बंद हो गया है। ऐसा नहीं है कि विश्राम गृह की मरम्मत नहीं हुई है। मरम्मत पर लाखों रुपये खर्च किए गए हैं। लेकिन हर बार अलग अनुमान तैयार होता है और फिर काम के बहाने को लेकर विश्रामगृह को बंद कर दिया जाता है। एक साल के भीतर मरम्मत कार्य दूसरी बार चल रहा है। रात को एक चौकीदार होता है। जबकि दिन में कोई नहीं होता। विश्राम गृह भवन का बंद होना और मुख्य सड़क से विश्रामगृह तक सड़क बदहाल होना प्रबंधन पर कई तरह के सवाल खड़े करती है।
काफी समय पहले मुख्य सड़क से लेकर विश्रामगृह तक की सड़क को चकाचक करने के लिए कोलतार के ड्रम यहा पर लाए गए थे, लेकिन अभी तक ड्रम झाड़ियों में छिपाए गए हैं। इनका प्रयोग नहीं हो सका है। वहीं विश्रामगृह के साथ बना चौकीदार कक्ष भी बदहाल हो चुका है। विश्रामगृह के साथ ही लाखों रुपये खर्च करके वाटर टैंक बनाया गया था, जिसमें बारिश के पानी को एकत्रित करने की योजना थी। लेकिन यह भी अब अपनी बदहाली पर आसू बहा रहा है। जब भी साहब बदलते हैं तो मरम्मत अनुमान जरूर बनता है, लेकिन कहा लगता है यह तो अव्यवस्थित विश्रामगृह, संपर्क मार्ग व चौकीदार भवन बता रहा है।
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मरम्मत का काम चल रहा है, इसके चलते विश्रामगृह को बंद रखा है। काम पूरा होने पर खोल दिया जाएगा। अभी कुछ समय पहले ही बंद किया है। छत भी टपक रही है, सारा मरम्मत कार्य किया जा रहा है।
-सुमित विमल कटोच, सहायक अभियंता, सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग कागड़ा।