एनजीटी व टीसीपी नियमों के अनुरूप होगा हिमाचल में निवेश
पर्यटन की ²ष्टि से आपार संभावना वाले हिमाचल में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) व टाउन एंड कंट्री प्लानिग (टीसीपी) एक्ट का प्रभाव रहता है। इन्हें देखते हुए ग्लोबल इनवेस्टर मीट के लिए प्रदेश सरकार तय किया है कि टीपीसी व एनजीटी के नियमों को देखते हुए ही निवेश किया जाएगा जिससे कि न तो निवेशकों को हानि हो और न ही प्रदेश में कोई प्लान रूक सके।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) व टाउन एंड कंट्री प्लानिग (टीसीपी) नियमों के अनुरूप ही निवेश किया जाएगा। धर्मशाला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात नवंबर को इन्वेस्टर मीट का शुभारंभ करेंगे। वह इस आयोजन के गवाह बनेंगे और उनके साथ गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य केंद्रीय मंत्री भी होंगे। इन्वेस्टर मीट में विदेशी कंपनियां भी निवेश करेंगी। इस संबंध में जर्मनी, नीदरलैंड, दुबई, अबुधावी व यूएई के निवेशकों से बातचीत हो रही है। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को धर्मशाला में पत्रकारों से कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व हरियाणा में इन्वेस्टर मीट के अच्छे परिणाम रहे हैं। इन्वेस्टर मीट के लिए प्रदेश सरकार 75 हजार करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर चुकी है। पुराने उद्योगों का भी ध्यान रखा जाएगा। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन योजना के अच्छे परिणाम आ रहे हैं। इस योजना को शुरू करने वाला हिमाचल देश का चौथा राज्य बन गया है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की जीत का विजय रथ उपचुनाव में भी जारी रहेगा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने धर्मशाला हलके के घणा व टंग में चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया। पार्टी प्रत्याशी विशाल नैहरिया के लिए समर्थन जुटाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को जनता की आवाज उठाने वाला प्रतिनिधि चाहिए। जनता को एक युवा चेहरा चाहिए जो उनकी बातों को बेझिझक सरकार के समक्ष रख सके। इस दौरान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती, सांसद किशन कपूर, स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार, उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर, रमेश धवाला, कृपाल परमार, होशियार सिंह, रवि धीमान, मुल्ख राज प्रेमी व दूलो राम सहित अन्य मौजूद रहे।