अंतरराज्यीय बस सेवा : उत्साहित और सतर्क दिखे यात्री
करीब सात माह बाद हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसें बुधवार को अंतरराज्यीय सफर
करीब सात माह बाद हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसें बुधवार को अंतरराज्यीय सफर पर दौड़ीं। कांगड़ा जिले के पांच डिपो से 11 रूटों पर बसें चलीं। सबसे ज्यादा नगरोटा बगवां डिपो की छह, बैजनाथ की दो, पालमपुर, धर्मशाला व देहरा की एक-एक बस अंतरराज्यीय रूटों पर गई। धर्मशाला-शिमला वाया चंडीगढ़ रूट पर सवारियों में खासा उत्साह दिखा। इस रूट पर नादौन में बस की सभी सीटें फुल हो गईं और ऊना में कई सवारियों को छोड़ना पड़ा। देहरा से होशियारपुर रूट पर रवाना हुई बस में 29 यात्री सवार हुए और इनमें से 23 ही होशियारपुर गए। नगरोटा बगवां-चंडीगढ़ रूट पर मात्र दो सवारियों को लेकर बस रवाना हुई। इस दौरान बस चालक-परिचालकों ने अनुभव साझा किए और खुशी जाहिर की। बसों में सवार लोगों ने नियमों का पालन किया। इस दौरान यात्री उत्साहित व सतर्क दिखे।
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धर्मशाला डिपो : लाइव रिपोर्ट
उम्मीद से ज्यादा सवारियों में दिखा उत्साह
-धर्मशाला-शिमला रूट पर चंडीगढ़ तक पहले दिन 65 रुपये प्रति किलोमीटर हुई आय
-धर्मशाला से केवल आठ सवारियों को लेकर रवाना हुई बस, नादौन में हुई फुल
स्थान : बस स्टैंड धर्मशाला
दिवस : बुधवार
समय : सुबह 8 बजे
केवल आठ सवारियों को लेकर चालक कुलविदर व परिचालक रमेश परिवहन निगम की 47 सीटर बस को लेकर धर्मशाला-शिमला रूट पर रवाना हुए। योल पहुंचने पर दो यात्री और गाड़ी में सवार हुए। करीब आधे घंटे बाद जब बस कांगड़ा बस स्टैंड पहुंची तो यात्रियों की संख्या 40 हो गई। यहां से बस चली तो नादौन पहुंचने पर बस फुल हो गई। हालांकि यह उम्मीद चालक और परिचालक को नहीं थी। 12.30 बजे अम्ब स्थित ढाबे में सवारियों व चालक-परिचालक ने भोजन किया। इस ढाबे में भी एसओपी के तहत नियमों का पालन किया गया। चालक व परिचालक हैरान तब हुए जब उन्हें ऊना में कई सवारियों को छोड़ना पड़ा, क्योंकि सभी सीटें फुल थी। शाम पांच बजे बस चंडीगढ़ पहुंची। पहले ही दिन चंडीगढ़ तक कमाई 21 हजार रुपये के आसपास दर्ज की गई और यह करीब 65 रुपये प्रति किलोमीटर है।
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धर्मशाला अड्डे से आठ सवारियों के साथ बस चली थी और कांगड़ा पहुंचते ही यह संख्या 40 हो गई और नादौन में बस फुल हो गई। पहले दिन सवारियों में खासा उत्साह देखा गया। इस रूट पर जाकर काफी खुशी हुई है।
-कुलविदर, चालक। उम्मीद नहीं थी कि चंडीगढ़ तक फुल जाएगी। सवारियों ने इस रूट पर उत्साह दिखाया है। ऊना में तो कई लोगों को छोड़ना पड़ा। मास्क पहनने पर ही सवारियों को बस में प्रवेश दिया गया। सुखद रहा कि नियमों का पालन किया गया।
-रमेश, परिचालक। धर्मशाला-शिमला वाया चंडीगढ़ रूट में चंडीगढ़ तक पहले दिन 65 रुपये प्रति किलोमीटर कमाई हुई है। इसकी उम्मीद नहीं थी। शिमला तक रूट की कितनी कमाई होगी, इसकी जानकारी नहीं है। अंतरराज्यीय रूट पर सवारियों ने उत्साह दिखाया है।
-पंकज चड्ढा, आरएम धर्मशाला डिपो
-प्रस्तुति : धर्मशाला से राजेंद्र डोगरा।
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देहरा-होशियारपुर रूट में 3200 रुपये हुई कमाई
देहरा डिपो : लाइव रिपोर्ट
स्थान : बस स्टैंड देहरा
दिन: बुधवार
समय : सुबह 6.45 बजे
देहरा-होशियारपुर रूट पर केवल छह सवारियों के साथ 47 सीटर बस लेकर चालक जोगेंद्र व परिचालक रिकू रवाना हुए। भरवाईं, चितपूर्णी, गगरेट व मुबारिकपुर में 29 सवारियां हो गई और इनमें से 23 होशियारपुर रवाना हुई। बस बीच में कहीं भी नहीं रुकी और सवारियों ने खाली सीटों में ही बैठने के लिए तवज्जो दी। गाड़ी सुबह साढ़े 10 बजे होशियारपुर पहुंची और दोपहर 12 बजे देहरा के लिए होशियारपुर से रवाना हुई। 33 सवारियों के साथ बस लौटी और सायं करीब चार बजे देहरा बस स्टैंड पहुंची। पहले दिन होशियारपुर रूट पर यात्रियों की संख्या कम रही और कमाई मात्र 3200 रुपये हुई।
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होशियारपुर पहुंचने पर चालक व परिचालकों ने हाथ मिलाने की बजाय नमस्ते करही कुशलक्षेम जाना। बड़े दिनों बाद इस रूट पर जाना हुआ है। खुशी की बात यह है कि सवारियां भी नियमों की पालना करते हुए दिखीं।
-रिकू, परिचालक।
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खुशी इस बात की रही कि काफी समय बाद होशियारपुर रूट के लिए बस लेकर गया। पहले भी इस रूट पर बस लेकर जाता रहा हूं लेकिन इस दफा अनुभव कुछ और ही था। बस सेवा का आम लोगों को काफी लाभ मिलेगा।
-जोगिंद्र सिंह, चालक बसों में सवारियों को मास्क पहनने की हिदायत दी गई है। जो बसें पहले नाश्ते व दोपहर के भोजन लिए ढाबों पर रुकती हैं अब भी रुकेंगी। अन्य किसी तरह की बंदिश नहीं है। बचाव में ही बचाव को समझते हुए लोगों को सतर्क रहकर यात्रा करनी होगी।
-कुशल कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक देहरा।
प्रस्तुति: ज्वालामुखी से प्रवीण कुमार शर्मा।
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लाइव रिपोर्ट : नगरोटा बगवां डिपो
दो सवारियों के साथ चंडीगढ़ रवाना हुई बस
-चंडीगढ़ तक 13,500 रुपये की हुई आय
नीरज दुसेजा, नगरोटा बगवां
नगरोटा बगवां बस स्टैंड से सुबह 7.00 बजे चंडीगढ़ रूट पर मात्र दो सवारियों को लेकर बस रवाना हुई। इस दौरान चालक विजय मोहन तथा परिचालक अजय कुमार को मायूसी हुई। चालक-परिचालक को ऐसा महसूस होने लगा कि लोगों के मन में अब भी कोरोना का डर कायम है। गाड़ी जैसे ही 7.30 बजे कांगड़ा पहुंची तो अड्डे पर सवारियों को देखकर मन में जो शंका पनप रही थी वह दूर हो गई। इस दौरान चंडीगढ़ के लिए 15 तथा 10 ऊना के लिए सवारियों ने टिकट प्राप्त किया। देहरा पहुंचते-पहुंचते सवारियों की संख्या में बढ़ोतरी होती गई। चालक-परिचालक के अनुसार, करीब सात माह के बाद अलग अनुभवपूर्ण सफर रहा। बस अड्डों पर सवारियों की चहलकदमी नजर आई तो ऐसा लगा मानो कोरोना का डर समाप्त हो गया हो। बस में सवार सभी लोगों ने मास्क पहने थे और बार-बार हाथ सैनिटाइज कर रहे थे।
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रूट पर करीब 13,500 रुपये किराये के रूप में प्राप्त हुए हैं। सरकार के इस फैसले से लोगों को सुविधा मिलेगी। सवारियों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। बसों को सैनिटाइज करने के बाद ही रूटों पर रवाना किया है।
-राजकुमार पाठक, आरएम नगरोटा बगवां चंडीगढ़ तक करीब 250 किलोमीटर का सफर मास्क पहनकर करने का अलग अनुभव था। भरतगढ़ के समीप जब ढाबे पर बस रोकी तो कर्मचारी मास्क पहने थे। ढाबों पर साबुन के साथ-साथ सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई थी। ऐसी व्यवस्था पहले नहीं दिखी।
-चालक विजय मोहन काफी समय बाद लंबी दूरी के रूट पर जाने का मौका मिला है। यह सुखद अनुभव रहा। सवारियां भी नियमों का पालन करते हुए दिखीं। ढाबों पर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सवारियां दिखीं।
परिचालक अजय कुमार, नगरोटा बगवां डिपो।