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ब्रॉडगेज रेल लाइन पर ब्रेक

रेलवे विस्तार पर हिमाचल के हाथ खाली है। नेरोगेज रेल लाइन को ब्रॅाडग्रेज करने का सपना भी अधूरा रह गया है। इस पर लगभग ब्रेक लग गई है। कालका- शिमला, जो¨गद्रनगर- पठानकोट लाइन में केवल सपीड बढ़ेगी। अब सरकार स्पीड बढ़ाने पर जोर देगी। शनिवार को यह मुद्दा सदन में उठा। सरकार ने जहां अपने इरादे जाहिर किए, वहीं विपक्ष ने इस बात पर सवाल उठाए कि आखिर सपनों की रेल को धरातल पर क

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 07:35 PM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 07:35 PM (IST)
ब्रॉडगेज रेल लाइन पर ब्रेक
ब्रॉडगेज रेल लाइन पर ब्रेक

राज्य ब्यूरो, धर्मशाला : रेलवे विस्तार पर हिमाचल के हाथ खाली हैं। नेरोगेज रेल लाइन को ब्रॉडगेज करने का सपना अधूरा रह गया है। इस पर लगभग ब्रेक लग गई है। कालका-शिमला, जोगेंद्रनगर- पठानकोट ट्रैक में केवल स्पीड बढ़ेगी। शनिवार को यह मुद्दा सदन में उठा। सरकार ने जहां अपने इरादे जाहिर किए तो विपक्ष ने इस बात पर सवाल उठाए कि आखिर सपनों की रेल को धरातल पर कब तक उतारा जाएगा? पांवटा के विधायक सुखराम चौधरी के सवाल के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे विस्तार का वादा नहीं सरकार का मजबूत इरादा है। जोगेंद्रनगर से पठानकोट नेरोगेज लाइन को ब्रॉडगेज में तबदील करना फिलहाल संभव नहीं है। बद्दी को रेलवे लाइन से जोड़ने पर उन्होंने कहा कि प्रभावित किसान एक करोड़ 25 लाख रुपये प्रति बीघा मुआवजा मांग रहे हैं। इतना मुआवजा देना संभव नहीं है। सोलन के उपायुक्त इस मामले में राजस्व विभाग से औपचारिकताएं पूरी करवा रहे हैं। राज्य ने भी 88 करोड़ की धनराशि जारी की है। केंद्र सरकार कालका -शिमला और जोगेंद्रनगर-पठानकोट रेलवे लाइन को आधुनिक बनाएगी। इन दोनों रूटों पर पारदर्शी बोगियां चलाई जाएंगी।

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बद्दी को रेल से जोड़े सरकार

विधायक परमजीत पप्पी ने कहा कि बद्दी क्षेत्र को रेलवे से जोड़ा जाना जरूरी है। केंद्र ने चंडीगढ़ से बद्दी रेलवे लाइन के लिए 226 करोड़ पहले ही जारी कर रखे हैं। राज्य सरकार ने भी 83 करोड़ की धनराशि दी है लेकिन सरकार जमीन अधिग्रहण नहीं कर पाई रही है। हरियाणा सरकार ने भूमि अधिग्रहण का मुआवजा भी दे दिया है। नए रूट की दूरी हरियाणा से होकर 18 किलोमीटर होगी। हिमाचल का क्षेत्र केवल डेढ़ से दो किलोमीटर ही आ रहा है। बावजूद इसके किसानों के साथ मुआवजे का निपटारा नहीं किया जा रहा है।

पांवटा क्यों रहे अछूता

पांवटा के विधायक सुखराम चौधरी ने कहा कि वर्ष 2010-11 में धनौली-देहरादूनवाया बद्दी नालागढ़-जगादरी-कालाअंब-पांवटा तक सर्वे किया गया था। इसके बाद इसमें कोई प्रगति नहीं हुई है। पांवटा-जगादरी देहरादून से 40 से 45 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। ऐसे में इन क्षेत्रों से ही रेलवे लाइन बिछाई जाए। आजादी के बाद हम 40 किलोमीटर तक भी रेलवे लाइन का विस्तार नहीं कर पाए।

हकीकत में उतरे सपनों की रेल

विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि आम चुनाव के मद्देनजर सरकार रेलवे विस्तार के सपनों पर सवार होगी लेकिन इसे हकीकत में उतारने की आवश्यकता है। उन्होंने सीएम से पूछा कि क्या वह केंद्र सरकार से इस मामले की पैरवी करेंगे या नहीं? रेल मंत्री के हालिया दौरे पर भी उन्होंने सवाल उठाए। मुकेश ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रदेश में ब्रॉडगेज रेलवे लाइन नहीं बनेगी।


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