कर्मियों को राहत, अफसरों को आफत
हिमाचल प्रदेश के क्लास वन और क्लास टू मुलाजिम पलायन नहीं कर पाएंगे। अगर किया तो फिर उन्हें 20 साल की सेवाकाल के बाद पूरी पेंशन नहीं मिलेगी। जबकि क्लास थ्री और फॉर के कर्मचारियों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। इन कर्मियों को वर्ष 2014 की अधिसूचना के प्रावधानों से छूट प्रदान की है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य ¨सह के सवाल के जवाब में कहा कि सरकार प्रोफेशनल व्यक्तियों जैसे डॉक्टरों, इंजीनियरों को राहत देने की स्थिति में नहीं
राज्य ब्यूरो, धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश के क्लास व और टू मुलाजिम पलायन नहीं कर पाएंगे। अगर किया तो फिर उन्हें 20 साल के सेवाकाल के बाद पूरी पेंशन नहीं मिलेगी। इसके अलावा क्लास थ्री और फोर के कर्मचारियों को सरकार ने राहत दी है। इन कर्मियों को वर्ष 2014 की अधिसूचना के प्रावधानों से छूट प्रदान की है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह के सवाल के जवाब में कहा कि सरकार प्रोफेशनल व्यक्तियों जैसे डॉक्टरों व इंजीनियरों को राहत देने की स्थिति में नहीं है। पूर्व सरकार के कार्यकाल में इन्होंने 20 साल के सेवाकाल के बाद बड़ी संख्या में प्री-मेच्योर रिटायरमेंट के लिए आवेदन किए। सरकार इनकी ट्रे¨नग पर खासी रकम खर्च करती है। अगर ये नौकरी से चले जाते तो राज्य को बड़ा नुकसान होता है। इस कारण पूर्व सरकार ने 2014 में पूरी पेंशन न देने का फैसला लिया था। ऐसा दूसरे क्षेत्रों में पलायन रोकने के लिए किया। ये केवल प्रो राटा पेंशन के हकदार थे। पूरी पेंशन 33 साल की सेवा के बाद मिलने का प्रावधान रखा था। इसमें सभी कर्मचारी शामिल किए गए। वर्तमान सरकार ने जून में 11 नवंबर, 2014 की अधिसूचना के दायरे से क्लास थ्री और फोर को बाहर कर दिया है। सीएम ने कहा कि अगर ये समय से पूर्व भी नौकरी छोड़ देंगे तो प्रदेश को नुकसान नहीं होगा। इन्हें 20 साल के बाद पहले की तरह पूरी पेंशन मिल सकेगी। प्रदेश में कर्मचारियों की संख्या करीब ढाई लाख है। इस वर्ग को पेंशन में राहत देने के सरकार के फैसले से लाभ हुआ है।