राहत की बूंदों ने धो डाली धूल की परत
धर्मशाला, पालमपुर, बैजनाथ, कांगड़ा व जयसिंहपुर क्षेत्र में वीरवार को झमाझम बारिश होने से लोगों को तपिश से राहत मिली है।
धर्मशाला, जेएनएन। राजस्थान और ब्लूचिस्तान की ओर से चली धूलभरी गर्म हवा से उत्तर भारत के आसमान पर बनी धूल की परत का कुछ असर हिमाचल में भी दिखने लगा है। वीरवार सुबह से जिला कांगड़ा के अधिकांश भागों में धूल की परत छाई रही। इससे यहां भी सुबह से ही लगातार तापमान बढ़ने लगा लेकिन दोपहर बाद जिले के अधिकांश हिस्सों में हुई मूसलधार बारिश ने धूल की परत को हटा दिया। बारिश से लोगों को तपिश से भी राहत मिल गई है।
जिले के धर्मशाला, पालमपुर, बैजनाथ, कांगड़ा व जयसिंहपुर क्षेत्र में वीरवार को झमाझम बारिश हुई। इससे अचानक बढ़े तापमान से काफी राहत मिली है। धूलभरी हवा से राजस्थान, दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सर्वाधिक प्रभावित रहे। इसका कारण पश्चिमी विक्षोभ को माना जा रहा है। ऐसे में पहाड़ों में हुई बारिश का मैदानों को भी कुछ लाभ मिलने की उम्मीद है। धूल की परत के कारण गगल स्थित कांगड़ा एयरपोर्ट में उड़ानों पर फिलहाल कोई असर नहीं पड़ा है लेकिन दिल्ली में इसका असर होने के कारण वीरवार को सभी उड़ानें आधा घंटा देरी से पहुंचीं। एयरपोर्ट के निदेशक सोनम नुरबू ने बताया कि धूल की आंधी का फिलहाल यहां कोई असर नहीं है लेकिन दिल्ली व अन्य राज्यों में इसके असर से यहां उड़ानों में आधा घंटे की देरी हुई है। वहीं, प्रदूषण बोर्ड के वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. रमाकांत अवस्थी के अनुसार, यहां पर्यावरण में अभी इसका अधिक असर नहीं है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
पहली ही बारिश ने खोल दी स्मार्ट सिटी की पोल
मानसून आने से पहले हुई बारिश ने स्मार्ट सिटी धर्मशाला में व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी है। नगर निगम और स्मार्ट सिटी के क्षेत्र धर्मशाला के मुख्य बाजारों व साथ लगते संपर्क मार्ग वीरवार को हुई बारिश के कारण नालों में तबदील हो गए। इस बारिश ने लोगों द्वारा शहर की नालियों में फेंके जा रहे कूड़े कचरे की भी तस्वीर सामने ला दी। इस कारण अधिकांश नालियां बंद हो गई हैं। इससे पूरे शहर में बारिश के बाद पानी सड़कों में आ गया। धर्मशाला में कोतवाली बाजार से लेकर कचहरी अड्डे तक कई स्थानों में बारिश के पानी से लबालब भरी नालियों का पानी सड़क पर कचरे सहित आ गया। डीआरडीए भवन के निकट कूड़े कचरे से अवरुद्ध हुए एक नाले का पानी सड़क पर इस ढंग से आ गया कि वहां से कुछ देर के लिए वाहन गुजारना भी मुश्किल हो गए।