कैंसर ने छीन लिया बेटा तो अस्पताल खुलवाने का पाल लिया सपना
कनौजिया बताते हैं कि प्रधानमंत्री अच्छा कार्य कर रहे हैं। उनके नेता उनकी अच्छाइयों को लोगों तक पहुंचाने में नाकाम हैं।
लंज, जेएनएन। पंचायत कुठेहड़ के हरबंस लाल कनौजिया पंचायत में कैंसर अस्पताल खोलने के लिए प्रयासरत हैं। कैंसर अस्पताल के लिए वह निजी भूमि दान देने के लिए भी तैयार हैं। वह कई बार प्रदेश सरकार से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन निराशा ही हाथ लगी है। अब वह कैंसर अस्पताल खोलने के लिए केंद्र सरकार से पत्राचार कर रहे हैं। उनके अनुसार इसके सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। वह अपना शरीर टांडा मेडिकल कॉलेज को दान कर चुके हैं।
कनौजिया बताते हैं कि प्रधानमंत्री अच्छा कार्य कर रहे हैं। उनके नेता उनकी अच्छाइयों को लोगों तक पहुंचाने में नाकाम हैं। उनका कहना है कि वर्ष 1981 में दो वर्ष की उम्र में उनके बेटे को कैंसर हो गया था। उसे लेकर वह आठ सालों तक डीएमसी से लेकर अमेरिका तक गए थे। तब वह उसे बचा नहीं पाए। आज भी अगर किसी हिमाचल के नागरिक को कैंसर की बीमारी होती है तो उसका इलाज हिमाचल के अस्पतालों में नहीं हो पाता है। मरीजों को गंभीर हालत में डीएमसी व सीएमसी ले जाना पड़ता है। इसलिए मेरी यह इच्छा है कि क्षेत्र में एक कैंसर का बड़ा अस्पताल हो या फिर ट्रोमा सेंटर हो। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से पत्राचार करना शुरू कर दिया है। जितनी सरकार चाहे, उतनी जमीन वह इस अस्पताल को देने के लिए तैयार हैं। कनौजिया इससे पहले भी स्कूल, सीएचसी व आंगनबाड़ी केंद्र के लिए जमीन दान दे चुके हैं।