दिल्ली के फूल विक्रेताओं की हड़ताल से, हिमाचल में फूलों के मुरझाने का खतरा
दिल्ली की सबसे बड़ी पुष्प मंडी गाजीपुरा के फूल विक्रेताओं की हड़ताल से हिमाचल के पुष्प उत्पादक प्रभावित होंगे।
पालमपुर, जेएनएन। दिल्ली की सबसे बड़ी पुष्प मंडी गाजीपुर के फूल विक्रेता मांगों के समर्थन में 31 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर होंगे। इससे हिमाचल में फूलों की फसल पर खतरे के बादल मंडरा गए हैं। हड़ताल का सबसे बड़ा प्रभाव हिमाचल प्रदेश के पुष्प उत्पादकों पर पड़ेगा। पुष्प उत्पादकों भगवान दास, रंजीत सिंह व अमित खरवाल ने बताया कि आजकल बरसात के दिनों में मैदानी इलाकों में पुष्प उत्पादन लगभग बंद है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश से ही फूलों की आपूर्ति की जाती है।
रोजाना लाखों के फूल गाजीपुर भेजे जाते हैं। ऐसे में अगर वहां पर हड़ताल होती है तो पुष्प उत्पादकों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा, क्योंकि फूल तोड़ने के बाद जल्द खराब हो जाते हैं। प्रदेश के लाहुल, सिरमौर, सोलन, मंडी, कांगड़ा, बिलासपुर, चंबा, ऊना व कुल्लू में फूल उत्पादन होता है। वर्तमान समय में लाहुल-स्पीति से लिली और अन्य जगहों से ग्लैबुलस, कारनेशन, गुलाब, जरबेरा आदि फूल दिल्ली भेजा जाता है। लिल्ली के ही एक डिब्बे की कीमत छह हजार रुपये होती है। भेजने का खर्चा अलग से होता है। पुष्प उत्पादकों का कहना है कि अगर दिल्ली की मार्केट में व्यापारियों ने हड़ताल के कारण फूल नहीं खरीदे तो वे खराब हो जाएंगे। इसका सीधा प्रभाव पुष्प उत्पादकों पर पड़ेगा। गाजीपुरा में प्रतिदिन एक से डेढ़ करोड़ तक का कारोबार फूलों का होता है। पुष्प उत्पादकों ने प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस हड़ताल को टालने के लिए अपनी ओर से प्रयास करें, ताकि पुष्प उत्पादकों को नुकसान न हो।
यह है हड़ताल की वजह दिल्ली में जिस जगह गाजीपुरा में पुष्प उत्पादकों की मंडी है, वहां पर बरसात के दिनों में पानी भर जाता है। दिल्ली सरकार वहां पर दो मंजिला भवन बनाने जा रही है। पुष्प उत्पादकों का कहना है कि दूसरी मंजिल पर कारोबार नहीं चल सकता है। इसलिए वे इसके विरोध में हड़ताल करने जा रहे हैं।
- मैं दिल्ली जा रहा हूं। पुष्प उत्पादकों को नुकसान न हो, इसके लिए मामले की जानकारी हासिल कर इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी। -महेंद्र ¨सह ठाकुर, बागवानी मंत्री।