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मेधावी बेटी को एसडीएम ने दिया सम्मान

कांगड़ा के एसडीएम द्वारा गत दिनों अपने कार्यालय के सेवादार की बेटी को एक दिन की एसडीएम बनाए जाने के बाद सोमवार को नूरपुर में एक किसान की बेटी ने एसडीएम के साथ कुर्सी साझा की। फर्क सिर्फ इतना है कि कांगड़ा में एसडीएम ने खुद बेटी को बुलाया था जबकि नूरपुर के जनेरा गांव की पलक अपने किसान पिता संतोष के साथ एसडीएम कार्यालय पहुंची थी। यहां पहुंचकर पलक ने एसडीएम के समक्ष इच्छा रखी कि वे साथ बैठकर प्रशासनिक कार्यप्रणाली सीखना चाहती है। समरहिल स्कूल लोधवां की छात्रा पलक ने हाल ही में प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से घोषित दसवीं कक्षा के परिणाम में पलक ने 96 फीसदी अंक हासिल किए है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Jun 2020 07:27 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jun 2020 06:16 AM (IST)
मेधावी बेटी को एसडीएम ने दिया सम्मान
मेधावी बेटी को एसडीएम ने दिया सम्मान

संवाद सहयोगी, नूरपुर : कांगड़ा में पिछले दिनों सेवादार की बेटी को एक दिन के लिए एसडीएम बनाए जाने के बाद सोमवार को नूरपुर में किसान की बेटी एवं मेधावी छात्रा को एसडीएम ने सम्मान दिया। फर्क सिर्फ इतना है कि कांगड़ा में एसडीएम ने खुद बेटी को बुलाया था, जबकि नूरपुर के जनेरा गांव की पलक पिता संतोष के साथ खुद ही एसडीएम कार्यालय पहुंची थी।

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पलक ने एसडीएम के समक्ष इच्छा रखी कि वह उनके साथ बैठकर प्रशासनिक कार्यप्रणाली की जानकारी हासिल करना चाहती है। समरहिल स्कूल लोधवां की छात्रा पलक ने हाल ही में प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से घोषित दसवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम में 96 फीसद अंक हासिल किए हैं। पलक की इच्छा पर एसडीएम डॉ. सुरेंद्र ठाकुर ने उससे कुछ प्रश्न पूछे और इसके बाद उसे अपने साथ एक कुर्सी लगाकर बैठा लिया। कुछ देर तक एसडीएम ने पलक को कार्यालय में किए जा रहे कार्यो पर नजर रखने के लिए कहा। इसके बाद कोरोना महामारी से संबंधित मेन्यूल  क‌र्फ्यू पास के आवेदनों की जांच का काम सौंपा। एसडीएम ने पलक को कार्यालय की अलग-अलग शाखाओं  में ले जाकर प्रशासनिक कार्यो के तौर तरीकों और एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में निर्णय लेने के गुर भी सिखाए।

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आइएएस अधिकारी बनना है सपना

पलक ने बताया कि उसके ताया आइपीएस अधिकारी रह चुके हैं। ताया केके इंदौरिया से प्रभावित होकर पलक आइएएस अधिकारी बनना चाहती है। कांगड़ा में एक दिन की एसडीएम बनी लड़की की बात सुनने के बाद पलक को महसूस हुआ कि यदि आइएएस अधिकारी बनना है तो इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली का ज्ञान होना चाहिए। इस कारण ही उसने एसडीएम कार्यालय में प्रशासनिक कार्यो की जानकारी हासिल की है।

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अगर पलक मेहनत से पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करेगी तो उसके सपनों की उड़ान को मंजिल अवश्य  मिलेगी।  मैंने पलक से कहा है कि भविष्य में जब भी उसे उनकी तरफ से  किसी भी सहयोग  की आवश्यकता होगी तो वह इसके लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।

सुरेंद्र ठाकुर, एसडीएम नूरपुर


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