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वाह! बंजर भूमि पर उगा दी हरियाली

मुनीष दीक्षित, धर्मशाला फरहाद की ओर से पत्थर से पानी निकालने की बात पर आपको बेशक यकी

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Mar 2018 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 20 Mar 2018 03:00 AM (IST)
वाह! बंजर भूमि पर उगा दी हरियाली
वाह! बंजर भूमि पर उगा दी हरियाली

मुनीष दीक्षित, धर्मशाला

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फरहाद की ओर से पत्थर से पानी निकालने की बात पर आपको बेशक यकीन न हो, लेकिन पपरोला के युवाओं द्वारा बंजर भूमि पर हरियाली उगाने की बात पर आपको विश्वास करना ही होगा। पर्यावरण संरक्षण के प्रति यह युवाओं का जनून ही था कि उन्होंने कारोबार को छोड़कर समय निकाला और बिनवा खड्ड के बीच बने टापू में खुद मिट्टी व गोबर की खाद उठाकर भूमि को उपजाऊ बनाया। कोशिश को सफल होता देख इन युवाओं ने अब कोशिश नाम से ही समाजसेवी संस्था का भी गठन किया है। यह संस्था अब कई समाजसेवा के कार्यो में योगदान दे रही है। बैजनाथ व पपरोला के मध्य बहने वाली बिनवा खड्ड के बीच 13 कनाल भूमि में फैला एक टापू है। यह पूरी तरह से बंजर था और यहां कभी खनन माफिया हावी रहता था। खनन के लिए टापू में बाकायदा सड़क बनाई गई थी। टापू के ठीक सामने कुछ मीटर की दूरी पर पहाड़ी के ऊपर बैजनाथ शिव मंदिर और नीचे खीर गंगा घाट भी है। करीब दस साल पहले शहर में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए पपरोला बाजार के कुछ युवाओं की टोली आगे आई। इसमें अधिकतर व्यवसाय कर रहे युवा शामिल थे। इन सबने टापू में हरियाली लाने का बीड़ा उठाया और शुरू कर दी मुहिम। जिस टापू में कुछ साल पहले तक केवल रेत व पत्थर ही नजर आते थे आज वहां पेड़ और हरियाली है।

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वन विभाग ने की थी मदद

युवाओं के जनून को देखते हुए तत्कालीन वन परिक्षेत्र अधिकारी बीएस यादव ने भी युवाओं को इस कार्य में सहयोग दिया था। इसके लिए विभाग ने कई पेड़ों की पौध व टापू के चारों ओर कंटीली तार लगाने का प्रबंध करवाया था।

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इन युवाओं का रहा योगदान

इस कार्य में नितिन सूद, कपिल सूद, अंकित सूद, शिव कुमार, पुष्पेंद्र सूद, शेखर भटनागर, निशांत महाजन, विकर्ण मेहता, पुनीत भटनागर, विपन शर्मा, डॉ. मुनीष भटनागर, विनिल सूद, मुनीष कुमार व नयन सूद का योगदान रहा।

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'जब टापू में पौधरोपण की बात की गई थी तो उस समय सभी को मजाक लग रहा था। जो हाथ हमारे साथ इस कार्य के लिए मिले थे, वह कार्यो में काफी व्यस्त रहते हैं और उनमें से कई लोगों ने पहले कभी मिट्टी में भी हाथ नहीं लगाया होगा। लेकिन हमने करके दिखाया है। वन विभाग का सहयोग रहा। '

- अंकित सूद, संरक्षक, कोशिश संस्था।

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'युवाओं में जनून था। उस समय मैं बैजनाथ में वन परिक्षेत्र अधिकारी था। जो भी सहयोग युवाओं को दिया जा सकता था वह विभाग ने किया और इसके आज सफल परिणाम दिख रहे हैं।'

-बीएस यादव, वन मंडल अधिकारी, पालमपुर।


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