अब राष्ट्रीय राजनीति में सुधीर शर्मा के कदम
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : बैजनाथ व धर्मशाला हलकों से प्रदेश की राजनीति में पहुंचे युवा
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : बैजनाथ व धर्मशाला हलकों से प्रदेश की राजनीति में पहुंचे युवा नेता सुधीर शर्मा को राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी मिली है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का सचिव व जम्मू-कश्मीर का प्रभारी बनाया है। इससे सुधीर शर्मा की राजनीतिक ताकत का अहसास हुआ है, वहीं धर्मशाला से चुनाव में असफल होने के बाद उन्हें हाशिये पर देख रहे कुछ नेताओं को भी झटका लगा है। पिता यानी पूर्व मंत्री पंडित संत राम के निधन के बाद राजनीति में सक्रिय हुए सुधीर शर्मा ने अपने ही दम पर सियासी पकड़ बनाई थी। 2003 से 2012 तक सुधीर शर्मा ने लगातार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। बैजनाथ हलके के आरक्षित होने के बाद उन्होंने धर्मशाला में आकर सफल जीत हासिल की थी लेकिन 2017 के चुनाव में कांग्रेस के ही कुछ लोगों के चुनावी कतार में आ जाने से वोट बंटने से वह चुनाव में सफल नहीं हो पाए थे। ऐसे में उन्हें इस बार भी विरोधी खेमा हाशिये पर देख रहा था। लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए सक्रिय होने के साथ ही उन्हें अब राष्ट्रीयस्तर की यह बड़ी जिम्मेदारी मिली है। प्रदेश के सबसे बड़े जिला कागड़ा को पहली बार पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा सम्मान मिला है। ऐसे में सुधीर शर्मा अब राष्ट्रीय राजनीति की रणनीति में भी अहम भूमिका निभाएंगे। कई मुश्किलों से घिरे जम्मू-कश्मीर में हालांकि पार्टी को मजबूत करना चुनौती होगी, लेकिन जम्मू में युवा कांग्रेस का प्रभारी रहने के दौरान भी बेहतरीन कार्य कर चुके सुधीर शर्मा के लिए यह चुनौती अधिक नहीं होगी। राजनीति में कम आयु के बावजूद सफल कार्य करने व पुराने नेताओं को साथ जोड़कर सुधीर शर्मा ने टीम राहुल में मजबूत स्थान बना लिया है। काग्रेस ने अपनी नेशनल टीम में हिमाचल से आशा कुमारी, राजेश धर्माणी और अब सुधीर शर्मा का चयन किया है। इससे पूर्व कागड़ा से चंद्रेश कुमारी ही राष्ट्रीय टीम में महिला काग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाते रही हैं, लेकिन अब जम्मू-कश्मीर की जिस ढंग से सुधीर शर्मा को जिम्मेदारी दी गई है, उससे कहीं न कहीं सुधीर शर्मा का कद बढ़ा है।
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अब तक निभा चुके हैं यह जिम्मेदारी
सुधीर शर्मा 1991 में पहली बार एनएसयूआइ के जिला कांगड़ा के सचिव बने थे। इसके बाद 1996 से 2003 तक युवा कांग्रेस में महासचिव के पद पर रहे। कांग्रेस के विभिन्न कार्यक्रमों के वह कई राज्यों में पर्यवेक्षक भी रह चुके हैं। 2003 में सुधीर शर्मा पहली बार बैजनाथ से विधायक चुने गए थे। इसके बाद उन्होंने 2007 में भी बैजनाथ से जीत हासिल की। बैजनाथ सीट के आरक्षित होने के कारण उन्हें पार्टी ने 2012 में धर्मशाला से चुनाव लड़वाया इसमें उन्होंने जीत हासिल की थी।