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लॉकडाउन से अब्दुल्लापुर में नशा लॉक

पंचायत के सड़को पर सन्नाटा पसरा था यूं लगा कि ग्रामीण लॉकडाउन का पालन ज्यादा अच्छे तरीके से कर रहे हैं। इसका कारण ये है कि साथ लगती जामानाबाद पंचायत के कोरोना पॉजिटिव मामले आने के बाद अब्दुल्लापुर को बफर जोन में शामिल किया है। गांव की जमानाबाद से सटी सीमाओं पर पुलिस का भी पहरा है। अत्याधिक ग्रामीण खेतों में फसल कटाई व थ्रैसिग का काम समाप्त कर चुके हैं। गांव के इक्का दुक्का किसान फसल कटाई नहीं कर पाये थे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 07:11 PM (IST)Updated: Thu, 14 May 2020 06:15 AM (IST)
लॉकडाउन से अब्दुल्लापुर में नशा लॉक

गांव की चौपाल

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स्थान : अब्दुल्लापुर

समय : दोपहर 12 से 2 बजे तक।

अब्दुल्लापुर से बिमल बस्सी की रिपोर्ट

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पंचायत की सड़कों पर सन्नाटा पसरा था। यूं लगा कि ग्रामीण लॉकडाउन का पालन अच्छे तरीके से कर रहे हैं। इसका कारण यह है कि साथ लगती जमानाबाद पंचायत में कोरोना पॉजिटिव मामला सामने आने के बाद अब्दुल्लापुर पंचायत को भी बफर जोन में शामिल किया है। जमानाबाद से सटी सीमाओं पर पुलिस का भी पहरा है। ज्यादातर ग्रामीण फसल कटाई व थ्रेशिंग का काम समाप्त कर चुके हैं।

दैनिक जागरण ने बुधवार को अब्दुल्लापुर पंचायत का दौरा किया। इस दौरान चारा लेकर घर लौट रही महिलाओं से स्थितियों के बारे में बात की तो उनका स्पष्ट कहना था कि लॉकडाउन पंचायत को नशामुक्त बनाने में कारगर सिद्ध हुआ है। शराब की बिक्री न होने से पारिवारिक जीवन सामान्य ढंग से व्यतीत हो रहा है। प्रधान संजय कांचा के नेतृत्व में गांववासियों को सुरक्षित व स्वस्थ जीवन मिला है। अब्दुल्लापुर से जोगीबल्ला तक फैली करीब 2200 बाशिदों वाली पंचायत के सात वार्डों के 56 बीपीएल परिवारों को मास्क व सैनिटाइ•ार बांटे गए हैं। लाउड स्पीकर से आमजन को जागरूक किया गया है। बफर जोन घोषित होने से पहले पंचायत को युवाओं अरुण कुमार, दिनेश कुमार, विजय कुमार व विनय ने सैनिटाइज किया है।

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प्रशासन, पुलिस व स्वास्थ्य विभाग ने गांव में आकर लोगों को जागरूक किया है। डॉक्टर व मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ आशा वर्कर व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हमारे प्रथम योद्धा हैं। गांववासियों की सुरक्षा व सुविधा के लिए पंचायत प्रयत्नशील है। लोगों को हरसंभव सहायता मुहैया करवाई जा रही है।

-संजय कांचा, प्रधान अब्दुल्लापुर।

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बर्बादी का अभिप्राय बन चुका नशा इस बार लॉकडाउन का शिकार हो गया। ज्यादातर लोगों ने लॉकडाउन के कारण नशे से तौबा कर ली है। यह पंचायत सहित देश की प्रगति के लिए सुखद अहसास है।

-कृतिका चौधरी, ग्रामीण

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लॉकडाउन बीमारी को रोकने में सफल रहा है। साथ ही युवाओं से नशे की लत छुड़ाने में भी कारगर साबित हुआ है। अब नशे पर होने वाला खर्च घर की जरूरत पूरी करेगा।

स्वरूप सिंह, ग्रामीण

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लॉकडाउन के दौरान पंचायतवासियों की सहायता करने का हरसंभव प्रयास किया है। जरूरतमंदों को राशन सहित आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई है। गांव की खुशहाली के लिए प्रयास जारी रहेंगे।

श्याम वर्मा, उपप्रधान

-अब्दुल्लापुर से बिमल बस्सी की रिपोट


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